अल्ट न्यूज के मोहम्मद जुबैर को 2018 के किस ट्वीट के लिए गिरफ्तार किया गया, दिल्ली पुलिस ने दी ये जानकारी
By विनीत कुमार | Published: June 28, 2022 01:45 PM2022-06-28T13:45:41+5:302022-06-28T14:38:05+5:30
अल्ट न्यूज वेबसाइट के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर को 2018 के एक ट्वीट के लिए गिरफ्तार किया गया है। इस ट्वीट में एक तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था जो 1983 की एक हिंदी फिल्म से लिया गया है।
नई दिल्ली: अल्ट न्यूज वेबसाइट के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर को दिल्ली पुलिस ने सोमवार को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद विपक्ष सहित कई लोगों ने इस गिरफ्तारी पर सवाल उठाए। वहीं दिल्ली पुलिस ने बताया कि जुबैर को धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उन्हें कोर्ट ने एक दिन की पुलिस हिरासत में भेजा।
दिल्ली पुलिस ने अपने एफआईआर में कहा है कि एक अन्य ट्विटर हैंडल की ओर से मोहम्मद जुबैर की पोस्ट पर लोगों में नफरत फैलाने और हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया गया। इस संबंध में एफआईआर 20 जून को दर्ज की गई।
1983 की फिल्म का क्लिप शेयर करने पर विवाद
दरअसल, मोहम्मद जुबैर ने 2018 में किए गए ट्वीट में जाने-माने निर्देशक ऋषिकेश मुखर्जी की 1983 की फिल्म 'किसी से न कहना' की एक क्लिप की फोटो शेयर की थी। इसमें दिखता हैकि एक होटल के बोर्ड पर 'हनुमान होटल' लिखा होता है। उसे देखकर ऐसा लगता है कि जैसे पहले उसका नाम 'हनीमून होटल' रहा हो और उसे मिटाकर हनुमान होटल कर दिया गया है।
मोहम्मद जुबैर ने इसी तस्वीर को ट्वीट करते हुए लिखा था- '2014 से पहले हनीमून होटल और 2014 के बाद हनुमान होटल।'
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक इसी ट्वीट को लेकर ड्यूटी अफसर अरुण कुमार ने बताया जब वह सोशल मीडिया पर नजर रख रहे थे, तो उन्होंने यूजरनेम 'हनुमान भक्त' और ट्विटर आईडी @balajikijai के नाम के साथ साझा किया गया एक पोस्ट देखा। इसमें मोहम्मद जुबैर के ट्वीट का स्क्रिनशॉट था और इसमें 'आपत्तिजनक' शब्द थे।
इस बीच एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में 'ऑल्ट न्यूज' के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी को मंगलवार को 'बेहद चिंताजनक' करार दिया और उनकी तत्काल रिहाई की मांग की।
गिल्ड की ओक से एक बयान में कहा गया, 'यह स्पष्ट है कि आल्ट न्यूज के सतर्क रुख का वे लोग विरोध कर रहे हैं जो समाज का ध्रुवीकरण करने व राष्ट्रवादी भावनाओं को भड़काने के लिए दुष्प्रचार का उपयोग एक हथियार के तौर पर करते हैं।'