"मोदी बताएं पांगोंग से चीनी सेना का कब्ज़ा कब हटेगा'', कांग्रेस ने पूछा सवाल
By शीलेष शर्मा | Published: June 14, 2020 04:53 PM2020-06-14T16:53:53+5:302020-06-14T16:53:53+5:30
राहुल सरकार से बार बार पूछ रहे हैं कि क्या चीनी सैनिकों ने भारतीय सीमा कब्ज़ा किया है ,आज कांग्रेस ने पांगोंग का मुद्दा उठाया, पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सीधे मोदी से सवाल किया कि पांगोंग से चीनी कब्ज़ा कब उठेगा ,उन्होंने पूछा मोदी इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर आखिर खामोश क्यों हैं।
नयी दिल्ली: पंगोंग की चोटियों पर चीनी सैनिकों के कब्ज़े ने मोदी सरकार और सेना प्रमुख नरवाने के उन दावों पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है जिसमें कहा जा रहा है कि नियंत्रण रेखा पर सब कुछ नियंत्रण में है। सरकार की ओर से यह दावा भी किया गया कि भारत और चीन ने अपने अपने सैनिकों को पीछे हटा लिया है लेकिन सूत्रों से मिली ख़बरों के अनुसार चीनी सेना अभी भी भारतीय सीमा में डटी हुयी है। 4000 किलोमीटर लंबी नियंत्रण रेखा पर चीनी सैनिकों की तैयारियां बदस्तूर जारी हैं ,उसने लगभग 10 हज़ार सभी प्रकार के हथियारों से लैस सैनिक लद्दाख सीमा पर तैनात कर दिये हैं ,हालांकि भारत ने उत्तराखंड ,हिमाचल सहित दूसरे राज्यों से सटी सीमा पर भारतीय सेना की गतिविधियों को तेज़ किया है बाबजूद इसके चीन के साथ उठा विवाद गहराता जा रहा है। भारत पड़ौसी देशों से रिश्ते सौहार्द पूर्ण बनाने में विफल होता दिख रहा है ,यही कारण है कि विपक्ष सरकार पर हमलावर हो रहा है।
राहुल सरकार से बार बार पूछ रहे हैं कि क्या चीनी सैनिकों ने भारतीय सीमा कब्ज़ा किया है ,आज कांग्रेस ने पांगोंग का मुद्दा उठाया, पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सीधे मोदी से सवाल किया कि पांगोंग से चीनी कब्ज़ा कब उठेगा ,उन्होंने पूछा मोदी इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर आखिर खामोश क्यों हैं। इससे पहले कल अहमद पटेल ने ट्वीट किया कि चीन ने फिर देश की सीमा पर कब्ज़ा कर लिया है ,उन्होंने अपने ट्वीट में मोदी की 9 चीन यात्राओं का जिक्र किया साथ ही यह भी साफ़ किया कि इससे पहले किसी प्रधानमंत्री ने चीन की इतनी यात्रायें नहीं की। नेहरू ,राजीव ,नरसिम्हाराव ,और बाजपेयी केवल एक बार चीन गये जबकि इंदिरा गाँधी ,देवगौड़ा ,गुजराल ,लाल बहादुर ,और मोरार जी देसाई ने कोई चीन यात्रा नहीं की फिर भी चीन और भारत के बीच ऐसी स्तिथी कभी नहीं बनी।
कांग्रेस पूछ रही है कि मोदी ने चीन की 9 बार यात्रा कर क्या हांसिल किया। पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद तो मानते हैं कि मोदी को कूटिनीति का ज्ञान ही नहीं है। आनंद शर्मा ने भी मोदी सरकार की विदेश नीति की कड़ी आलोचना की और कहा हाथ मिलाना ,फोटो खींचना या गले लगना विदेश नीति नहीं होती जो मोदी करते रहे हैं, मोदी सरकार ने विदेश मामलों को लेकर न संसद को विश्वास में लिया न राजनैतिक दलों को जबकि भारत में यही परम्परा रही है ,नतीज़ा हमारे सामने है नेपाल जैसा देश भारत को आँख दिखा रहा है ,पाकिस्तान से भारत के रिश्ते कैसे हैं किसी से छिपे नहीं हैं ,श्रीलंका ,भूटान से रिश्तों की गर्मी खत्म होती दिख रही है फिर भी मोदी अपनी पीठ थपथपा रहे हैं।