मोदी -शाह ने राजस्थान में थोपा राष्ट्रपति शासन, तो गहलोत भंग कर सकते हैं विधानसभा
By शीलेष शर्मा | Published: July 25, 2020 08:25 PM2020-07-25T20:25:14+5:302020-07-25T20:25:14+5:30
राज्य सरकार अंतिम समय तक इस बात की कोशिश करेगी कि उसे सदन में बहुमत साबित करने का मौका मिले, राष्ट्रपति भवन से अदालत का दरवाज़ा भी खट खटाएगी अगर उसे कहीं से राहत नहीं मिलती है तब अंतिम विकल्प के रूप में गेहलोत सरकार इससे पहले कि मोदी -शाह की जोड़ी राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाये, सरकार मंत्रिमंडल की बैठक में विधानसभा को भंग करने की सिफ़ारिश कर चुनाव में जाने का फ़ैसला ले सकती है।
नई दिल्ली: राजस्थान में तेज़ी से घट रहे राजनैतिक घटनाक्रम के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कड़ा फ़ैसला लेते हुये तय किया है कि मोदी -शाह की जोड़ी राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने के लिये कितनी ही कोशिश क्यों न कर लें कांग्रेस हर कुर्बानी दे कर भाजपा को उसके षडयंत्र में कामयाब नहीं होने देगी। यह संकेत गहलोत के एक अति निकट सूत्र ने लोकमत से बातचीत करते हुये दी.
इस सूत्र ने बताया कि राज्य सरकार अंतिम समय तक इस बात की कोशिश करेगी कि उसे सदन में बहुमत साबित करने का मौका मिले, राष्ट्रपति भवन से अदालत का दरवाज़ा भी खट खटाएगी अगर उसे कहीं से राहत नहीं मिलती है तब अंतिम विकल्प के रूप में गेहलोत सरकार इससे पहले कि मोदी -शाह की जोड़ी राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाये, सरकार मंत्रिमंडल की बैठक में विधानसभा को भंग करने की सिफ़ारिश कर चुनाव में जाने का फ़ैसला ले सकती है।
इधर कांग्रेस ने कल से सोशल मीडिया पर भाजपा द्वारा लोकतंत्र की हत्या करने के खिलाफ राष्ट्र व्यापी मुहिम शुरू करेगी, पार्टी के महासचिव के सी वेणुगोपाल ने बताया कि सोमवार को देश भर में कांग्रेस के सभी बड़े नेता राजभवनों के सामने शांति पूर्ण धरना देंगे, नारा होगा "लोकतंत्र बचाओ ,संविधान बचाओ", प्रदर्शन के दौरान कॅरोना के दिशा निर्देशों का पूरी तरह पालन करने के निर्देश भी राज्य ईकाइयों को जारी किये गये हैं।