मोदी ने स्वतंत्रता सेनानी वी ओ सी की सराहना की, तमिलनाडु में कई कार्यक्रम आयोजित
By भाषा | Published: September 5, 2021 09:08 PM2021-09-05T21:08:42+5:302021-09-05T21:08:42+5:30
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को स्वतंत्रता सेनानी वी ओ सी पिल्लै की 150 वीं जयंती पर उनके योगदान की सराहना की। तमिलनाडु सरकार ने भी इस अवसर पर कई कार्यक्रमों का आयोजन किया और उन्हें श्रद्धांजलि दी। प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘दूरदर्शी वी.ओ. चिदंबरम पिल्लै को उनकी जयंती पर स्मरण करते हैं। उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में अग्रणी योगदान दिया। उन्होंने एक आत्मनिर्भर भारत की कल्पना की और विशेष रूप से बंदरगाहों तथा जहाजरानी क्षेत्रों में इसके लिए महत्वपूर्ण प्रयास किए। वह हमारे लिए विशेष प्रेरणा के स्रोत हैं।’’ मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने वी ओ सी चिदंबरम की तस्वीर पर माल्यार्पण किया। राज्य के मंत्रियों और सांसदों-विधायकों ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर चेन्नई बंदरगाह परिसर में वी ओ सी चिदंबरम की आदमकद प्रतिमा को सजाया गया। वी ओ सी पिल्लै का जन्म पांच सितंबर 1872 को हुआ था और 18 नवंबर 1936 को उनका निधन हुआ था। स्वतंत्रता संग्राम में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी। स्टालिन ने स्वतंत्रता सेनानी के जीवन पर तमिल और अंग्रेजी में पुस्तिका जारी की। केंद्रीय मत्स्य राज्य मंत्री एल मुरुगन समेत अन्य नेताओं ने राष्ट्र के लिए वी ओ सी के महत्वपूर्ण योगदान को याद किया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। तूतीकोरिन में वी ओ सी के नाम पर एक सड़क का नामकरण किया गया है। विधानसभा में विपक्ष के नेता और ऑल इंडिया द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) के शीर्ष नेता के. पलानीस्वामी ने ब्रिटिश उपनिवेशवाद के खिलाफ खड़ा होने के लिए वी ओ सी पिल्लै की सराहना की और जेल में क्रूरता का सामना करने के बावजूद लोगों के बीच स्वतंत्रता के बीज बोने के लिए उनकी प्रशंसा की। मत्स्य पालन मंत्री अनीता राधाकृष्णन ने दक्षिणी तमिलनाडु के ओट्टापिडारम में वी ओ सी के स्मारक पर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की। तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सौंदरराजन ने ओट्टापिडारम में स्वतंत्रता सेनानी को श्रद्धांजलि दी। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रमुख के. अन्नामलाई, पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) संस्थापक एस रामदॉस ने भी वी ओ सी पिल्लै को श्रद्धांजलि दी। तमिलनाडु सरकार ने छात्रों के लिए फोटो प्रदर्शनी का आयोजन किया और स्वतंत्रता सेनानी के नाम पर एक सरकारी इमारत का नामकरण करने की भी घोषणा की।
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