'अपनी कार्यशैली के बारे में खुले मन से समीक्षा करे मोदी सरकार', BSP प्रमुख मायावती ने केंद्र को दी सलाह
By भाषा | Published: May 30, 2020 01:42 PM2020-05-30T13:42:48+5:302020-05-30T13:42:48+5:30
इससे पहले शुक्रवार को बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश और बिहार में घर वापसी कर रहे लाखों प्रवासी श्रमिकों की रोजी-रोटी की समस्या का समाधान करना केंद्र और राज्य सरकारों का पहला कर्तव्य है।
लखनऊ: बसपा सुप्रीमो मायावती ने शनिवार को केंद्र सरकार को सलाह दी कि उसे अपनी नीतियों और कार्यशैली के बारे में खुले मन से समीक्षा करनी चाहिए। मायावती ने ट्वीट किया, "केन्द्र में बीजेपी सरकार के दूसरे कार्यकाल एक वर्ष पूरा होने पर आज अनेक दावे किए गए हैं किन्तु वे जमीनी हकीकत और जनता की सोच-समझ से दूर न हों तो बेहतर है।"
उन्होंने कहा कि वैसे सरकार का यह कार्यकाल अधिकतर मामलों में काफी विवादों से घिरा रहा है जिनपर इनको देश और जनता के हित में गंभीरता से चिन्तन करना चाहिये। मायावती ने कहा कि देश की लगभग 130 करोड़ जनसंख्या में से अधिकतर गरीबों, बेरोजगारों, किसानों, प्रवासी श्रमिकों और महिलाओं आदि का जीवन पहले से भी अधिक अति कष्टदायक बना हुआ है, जो अत्यंत दुखद है और जिसे जल्दी भुलाया नहीं जा सकता है।
उन्होंने कहा, "ऐसे में केन्द्र सरकार को अपनी नीतियों और कार्यशैली के बारे में खुले मन से जरूर समीक्षा करनी चाहिये और जहां पर इनकी कमियां रहीं हैं, उनपर इनको पर्दा डालने की बजाय, उन्हें दूर करना चाहिये। बसपा की इनको देश एवं जनहित में यही सलाह है।"
शुक्रवार को मायावती ने ट्वीट किया, "खासकर यूपी व बिहार में घर वापसी कर रहे इन बेसहारा लाखों प्रवासी श्रमिकों की रोजी-रोटी की मूलभूत समस्या का समाधान करना केन्द्र व राज्य सरकारों का अब पहला कर्तव्य बनता है।" उन्होंने कहा कि इन्हें इनके घर के आसपास स्थायी रोजगार उपलब्ध कराना ही सरकार की नीयत, नीति व निष्ठा की असली परीक्षा है। मायावती ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि केन्द्र ने देर से ही सही 20 लाख करोड़ रूपए का जो आर्थिक पैकेज घोषित किया है, उसके भी जनहित में उचित उपयोग की परीक्षा वास्तव में अब यहाँ होनी है।