कांग्रेस ने चुनावी बॉन्ड को बताया बेईमानी बॉन्ड और राजनीतिक घोटाला, कहा- संसद के दोनों सदनों में जवाब दे मोदी सरकार

By भाषा | Published: November 20, 2019 06:57 PM2019-11-20T18:57:40+5:302019-11-20T18:57:40+5:30

लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीररंजन चौधरी ने कहा कि चुनावी बॉन्ड के मुद्दे को निचले सदन में पूरी ताकत से उठाया जाएगा।

Modi Government must disclose all details about electoral bonds before Parliament says Congress | कांग्रेस ने चुनावी बॉन्ड को बताया बेईमानी बॉन्ड और राजनीतिक घोटाला, कहा- संसद के दोनों सदनों में जवाब दे मोदी सरकार

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Highlightsकांग्रेस ने चुनावी बॉन्ड को ‘बेईमानी बॉन्ड’ और ‘राजनीतिक घोटाला’ करार देते हुए बुधवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर इससे जुड़े नियमों में बदलाव किए गए।पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि अगर इस सरकार में नौतिकता और लोकतंत्र के प्रति सम्मान है तो उसे इस विषय पर संसद के दोनों सदन में जवाब देना चाहिए।

कांग्रेस ने चुनावी बॉन्ड को ‘बेईमानी बॉन्ड’ और ‘राजनीतिक घोटाला’ करार देते हुए बुधवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर इससे जुड़े नियमों में बदलाव किए गए। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि अगर इस सरकार में नौतिकता और लोकतंत्र के प्रति सम्मान है तो उसे इस विषय पर संसद के दोनों सदन में जवाब देना चाहिए। 

लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीररंजन चौधरी ने कहा कि चुनावी बॉन्ड के मुद्दे को निचले सदन में पूरी ताकत से उठाया जाएगा। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘कई बार संसद के भीतर और बाहर चर्चा हुई कि यह सरकार देश के चंद कारोबारियों के साथ मिलकर उनका कारोबार चला रही है।’’ 

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘इन कारोबारियों के 90 फीसदी कारोबार सरकार की मदद से चल रहे हैं और इनकी मदद से सरकार से चल रही है। अब चुनावी बॉन्ड के संदर्भ में आरटीआई से सामने आई जानकारी से यह बात साबित हो गई है।’’

आजाद ने कहा कि यह व्यवस्था की गई कि चुनावी बॉन्ड के जरिए मिलने वाले चंदा का खुलासा नहीं होगा और चंदा लेने वाली पार्टी के लिए भी यह बताना अनिवार्य नहीं होगा कि किसने चंदा दिया। उन्होंने कहा, ‘‘विपक्षा आपत्ति करे तो समझ आता है। लेकिन यहां तक चुनाव आयोग और रिजर्व बैंक ने आपत्ति जताई। चुनाव आयोग ने स्पष्ट तौर पर कहा कि चुनावी बॉन्ड से धनशोधन को बढ़ावा मिलेगा। चुनाव आयोग ने कहा कि इससे राजनीतिक चंदे की लेनदेन में पारदर्शिता खत्म हो जाएगी।’’ 

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने आरोप लगाया, ‘‘इस सरकार में भ्रष्टाचार का सरकारीकरण किया गया है। यही नहीं, सरकार ने चुनाव आयोग और रिजर्व बैंक की बातों को भी दरकिनार कर दिया।’’ उन्होंने यह दावा भी किया कि चुनावी बॉन्ड के जरिए ‘धन उगाही’ का तरीका अपनाया गया है। यह ‘राजनीति भ्रष्टाचार और स्कैंडल’ है। 

शर्मा ने यह दावा भी किया कि विधानसभा चुनावों से पहले चुनावी बॉन्ड जारी नहीं करने का नियम था, लेकिन प्रधानमंत्री के कहने पर 2018 में कर्नाटक चुनाव से पहले इसे बदल दिया गया। सुरजेवाला ने कहा, ‘‘यह चुनावी बॉन्ड नहीं, बेईमानी बॉन्ड है। प्रधानमंत्री की हिदायत पर नियमों में बदलाव किए गए। अगर इस सरकार में नैतिकता और लोकतंत्र के प्रति सम्मान है तो वह इस मामले पर दोनों सदनों में जवाब दे।’’

Web Title: Modi Government must disclose all details about electoral bonds before Parliament says Congress

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