नीति आयोग उपाध्यक्ष बोले, घर लौट रहे बेरोजगार श्रमिकों को नकद पैसे ट्रांसफर करने पर सरकार कर सकती है विचार
By भाषा | Published: March 30, 2020 09:46 PM2020-03-30T21:46:41+5:302020-03-30T21:46:41+5:30
पिछले सप्ताह सरकार ने 1.7 लाख करोड़ रुपये के प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की। इसमें गरीबों को मुफ्त अनाज और रसोई गैस उपलब्ध कराना शामिल है।
सरकार कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिये ‘लॉकडाउन’ (बंद) के कारण प्रभावित प्रवासी समेत बेरोजगार कामगारों को सीधे नकद अंतरण करने के सुझाव पर विचार कर सकती है। देशव्यापी बंद के कारण इन लोगों की आजीविका पर असर पड़ा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 मार्च को 21 दिन के बंद की घोषणा की। इस बंद के कारण उत्तर प्रदेश, बिहार और अन्य राज्यों के प्रवासी कामगार दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों से अपने-अपने राज्यों को लौटना शुरू कर दिया है।
डॉ. राजीव कुमार ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों ने देश के विभिन्न भागों में प्रवासी कामगारों के लिये बड़ी व्यवस्था की है। वहां उनके भरण पोषण का ध्यान रखा जा रहा है। केंद्र सरकार को बेरोजगार हुए कामगारों के खाते में नकद अंतरण के सुझाव मिले हैं।
कुमार ने कहा, ‘‘जहां तक देश भर में आय के नुकसान (‘लॉकडाउन’ के कारण प्रवासी कर्मचारियों) का सवाल है, यह चिंता का विषय है। मुझे लगता है कि सरकार जरूरत पड़ने पर प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के जरिये उन्हें नकद राशि देने पर विचार कर सकती है ताकि 21 दिन के बंद के कारण हुए नुकसान की भरपाई हो सके।’’
कुमार ने कहा कि हालाांकि ज्यादातर कामगारों के पास मोबाइल फोन और बैंक खाते हैं, इसके बावजूद उनके खाते में नकद अंतरित करना मुश्किल होगा क्योंकि वे असंगठित क्षेत्र में हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इसके बावजूद उद्योग मंडलों, नियोक्त संगठनों के जरिये कुछ तरीके निकाले जा सकते हैं जिससे उनकी पहचान हो सके और कुछ हद तक नकद नुकसान की भरपाई उन्हें की जा सके।’’
कुमार ने कहा कि ‘लॉकडाउन’ के दो नकारात्मक प्रभाव हुए हैं। पहला उनके भरन-पोषण का और दूसरा आय नुकसान। भरण-पोषण का ध्यान रखा जा रहा है। दूसरा जब जरूरत लगेगी, इस पर विचार किया जाएगा और केंद्र तथा राज्य सरकारें इस पर मिलकर काम करेंगी। पिछले सप्ताह सरकार ने 1.7 लाख करोड़ रुपये के प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की। इसमें गरीबों को मुफ्त अनाज और रसोई गैस उपलब्ध कराना शामिल है।