मोदी कैबिनेट 2019: दलित समुदाय का प्रतिनिधित्व नेहरू-राजीव-मनमोहन कैबिनेट से ज्यादा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 13, 2019 01:21 PM2019-06-13T13:21:41+5:302019-06-13T13:21:48+5:30

मोदी सरकार पिछले कार्यकाल में दलितों के खिलाफ हुई हिंसा को लेकर विपक्षी दलों और दलित संगठनों के निशाने पर रही है। रोहित वेमुला हत्याकांड, एससी-एसटी एक्ट में बदलाव, ऊना कांड, प्रमोशन में आरक्षण जैसे मुद्दों को लेकर मोदी सरकार को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था।

Modi cabinet 2019: Represented Dalit community more than Nehru-Rajiv-Manmohan cabinet | मोदी कैबिनेट 2019: दलित समुदाय का प्रतिनिधित्व नेहरू-राजीव-मनमोहन कैबिनेट से ज्यादा

मोदी कैबिनेट में 24 कैबिनेट मिनिस्टर, 9 राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 24 राज्य मंत्री बनाए गए हैं।

Highlightsनरेंद्र मोदी सरकार में दलित समुदाय से दो कैबिनेट मिनिस्टर बनाए गए हैं।मोदी सरकार में मेघवाल, आठवले, साध्वी निरंजन ज्योति और रतन लाल कटारिया को राज्य मंत्री बनाया गया है।

लोकसभा चुनाव 2019 में प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आए भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के नेता के तौर पर नरेंद्र मोदी ने लगातार दूसरी बार पीएम बने हैं। मोदी कैबिनेट में 24 कैबिनेट मिनिस्टर, 9 राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 24 राज्य मंत्री बनाए गए हैं। पीएम मोदी के नए मंत्रिमंडल के 24 कैबिनेट मंत्रियों में भाजपा के 21 तथा राजग के घटक शिवसेना, लोजपा एवं शिरोमणि अकाली दल के एक एक सदस्य शामिल हैं।  मोदी के कैबिनेट मंत्रियों में मुख्तार अब्बास नकवी एकमात्र मुस्लिम चेहरा हैं। 

पीएम मोदी 543 सदस्यीय लोकसभा में कुल 80 मंत्री रख सकते हैं। संविधान के अनुसार प्रधानमंत्री सहित केन्द्रीय मंत्रियों की कुल संख्या लोकसभा सदस्यों के 15 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए। पिछली बार की तरह ही इस बार भी मोदी कैबिनेट में दलित समुदाय का प्रतिनिधित्व 10 फीसदी से अधिक है। 

मोदी सरकार पिछले कार्यकाल में दलितों के खिलाफ हुई हिंसा को लेकर विपक्षी दलों और दलित संगठनों के निशाने पर रही है। रोहित वेमुला हत्याकांड, एसटी-एससी एक्ट में बदलाव, ऊना कांड, प्रमोशन में आरक्षण जैसे मुद्दों को लेकर मोदी सरकार को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। 2 अप्रैल 2018 को भारत बंद में दलितों का आक्रोश भी देखने को मिला। हालांकि इसका असर पीएम मोदी की छवि और एनडीए के वोटबैंक पर नहीं पड़ा। लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी प्रचंड जीत मिली। 

कैबिनेट मिनिस्टर

रामविलास पासवान (बिहार)
थावर चंद गहलोत (मध्य प्रदेश)

राज्य मंत्री 

अर्जुन राम मेघवाल (राजस्थान)
रामदास आठवले (महाराष्ट्र)
साध्वी निरंजन ज्योति ( उत्तर प्रदेश)
रतन लाल कटारिया ( हरियाणा)

इसके अलावा बीजेपी ने दलित समुदाय से आने वाले थावरचंद गहलोत को कैबिनेट मंत्री के अलावा राज्यसभा में सदन का नेता बनाया है। वहीं टीकमगढ़ से सांसद वीरेंद्र कुमार को लोकसभा में प्रोटेम स्पीकर बनाया गया है।

यहां गौर करने वाली बात है कि बीजेपी नीत एनडीए सरकारों में हमेशा से कांग्रेस सरकारों की तुलना में दलित समुदाय का प्रतिनिधित्व ज्यादा रहा है। ऐसा सिर्फ तीन बार हुआ है कि मंत्रिमंडल में दलित समुदाय से आने वालों सदस्यों 10 फीसदी से ज्यादा रही हो और तीनों बार यह एनडीए सरकार में हुआ है।

मंत्रिमंडल में दलित समुदाय का प्रतिनिधित्व

2019 (मोदी): 10.34%
2014 (मोदी): 10.53%
2009 (मनमोहन सिंह): 0.86%
2004 (मनमोहन सिंह): 6.33%
1999 (अटल बिहारी वाजपेयी): 10%
1984 (राजीव गांधी): 3.67%
1989 (वीपी सिंह): 2.56%
1977 (मोरारजी देसाई): 4.17%
1952 (जवाहर लाल नेहरू): 3.92%

Web Title: Modi cabinet 2019: Represented Dalit community more than Nehru-Rajiv-Manmohan cabinet

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