मोदी ने तृणमूल कांग्रेस पर चुनावी हिंसा का आरोप लगाया कूचबिहार में मारे गए लोगों को दी श्रद्धांजलि
By भाषा | Published: April 10, 2021 03:30 PM2021-04-10T15:30:46+5:302021-04-10T15:30:46+5:30
सिलीगुड़ी, 10 अप्रैल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कूचबिहार जिले में शनिवार को चौथे चरण के मतदान के दौरान हुई हिंसा में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की और निर्वाचन आयोग से दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। साथ ही उन्होंने राज्य की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस पर चुनावों के दौरान हिंसा फैलाने का आरोप लगाया।
यहां एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भ्रष्टाचार सहित अन्य मुद्दों पर आड़े हाथों लेते उन पर लोगों को केंद्रीय सुरक्षाबलों के खिलाफ उकसाने और चुनाव प्रक्रिया में रोड़े अटकाने का आरोप भी लगाया।
प्रधानमंत्री ने दावा किया कि तीन चरणों में बंपर मतदान से साफ हो गया है कि तृणमूल कांग्रेस की सरकार जा रही है और भाजपा की सरकार आ रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘इस बीच, कूचबिहार में जो हुआ है, वह बहुत ही दुखद है। जिन लोगों की मृत्यु हुई है, मैं उनके निधन पर दुख जताता हूं। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ है।’’
मोदी ने कहा, ‘‘भाजपा के पक्ष में जन समर्थन देखकर ‘दीदी’ और उनके गुंडों में बौखलाहट हो रही है। अपनी कुर्सी जाते देख दीदी इस स्तर पर उतर आई हैं, लेकिन मैं दीदी को, टीएमसी को और उनके गुंडों को साफ-साफ कह देना चाहता हूं कि अब उनकी मनमानी बंगाल में नहीं चलने दी जाएगी।’’
प्रधानमंत्री ने निर्वाचन आयोग से आग्रह किया, ‘‘कूचबिहार में जो हुआ, उसके दोषियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई हो।’’
ज्ञात हो कि कूचबिहार जिले के सीतलकूची में शनिवार को स्थानीय लोगों द्वारा हमला किए जाने के बाद सीआईएसएफ ने कथित तौर पर गोलियां चलाई जिसमें चार लोगों की मौत हो गई। ऐसा आरोप है कि स्थानीय लोगों ने सीआईएसएफ जवानों की ‘‘राइफलें छीनने की कोशिश की।’’
उन्होंने तृणमूल कांग्रेस पर लोगों को केंद्रीय सुरक्षाबलों के खिलाफ उकसाने और चुनाव प्रक्रिया में रोड़े अटकाने का आरोप लगाया और कहा ऐसे तरीकों से भी ममता बनर्जी की सरकार बचने वाली नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘आपके 10 सालों के ‘कुकर्मों’ से, ये हिंसा आपकी रक्षा नहीं कर सकती। दीदी, इस हिंसा से...सुरक्षा बलों के खिलाफ लोगों को उकसाने और चुनावी प्रक्रिया को बाधित करने से, आपकी सरकार बचने वाली नहीं है। दीदी लोगों से उन सुरक्षा बलों पर हमले करने और घेराव करने को कह रही हैं जो आपके अधिकारों की रक्षा करने के लिए यहां हैं।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि 10 साल पहले बंगाल की जनता ने ममता बनर्जी को बंगाल की सेवा का बेहतरीन अवसर दिया था लेकिन उन्होंने इतने स्वर्णिम अवसर को गंवा दिया और बंगाल को ‘‘बर्बाद’’ कर दिया।
उन्होंने आरोप लगाया कि 10 साल तक गरीबों को सताने वाले ‘‘गुंडों, हत्यारों और लुटेरे तोलाबाजों’’ पर ‘‘दीदी’’ को गुस्सा नहीं आया, लेकिन वह उन सुरक्षाबलों पर गुस्सा कर रही हैं जो बंगाल के लोगों के अधिकार की रक्षा कर रहे हैं।’’
प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि पिछले पंचायत चुनावों की तरह ‘‘दीदी के गुंडे’’, ‘‘छप्पा वोट’’ (फर्जी मतदान) नहीं कर पा रहे हैं, इसलिए ममता बनर्जी उनसे नाराज हैं और उन्हें गालियां दे रही हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘अब वह अपनी रैलियों में छप्पा वोट की ट्रेनिंग देने लगी हैं। एक राज्य की मुख्यमंत्री, 10 साल सरकार में रहने के बाद सिखा रही हैं कि कैसे सुरक्षा बलों का घेराव करना है? कैसे सुरक्षा बलों को पीटना है? कैसे उनपर हमला करना है, यह सब बताया जा रहा है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के बहादुर सुरक्षा बल जो आतंकवादियों और नक्सलियों से नहीं डरते, वह ‘‘दीदी के गुंडों’’ और उनकी धमकियों से नहीं डरने वाले हैं।
उन्होंने कहा कि बंगाल में दशकों से जिस तरह का राजनीतिक वातावरण बना दिया गया है, वो बदलने का समय आ गया है।
उन्होंने कहा ‘‘दीदी, आप बंगाल के लोगों की भाग्य विधाता नहीं हैं और बंगाल के लोग आपकी जागीर नहीं हैं। आपको जाना ही होगा, यह बंगाल की जनता ने ठान लिया है। उसके बाद तोलाबाज, सिंडिकेट और कटमनी मुक्त बंगाल बनेगा।’’
उत्तर बंगाल को देश की सुरक्षा के लिए ‘‘बहुत अहम’’ बताते हुए प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि देश के भीतर बैठी कुछ ताकतों वहां की सुरक्षा को चुनौती दे रही हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति ने इस क्षेत्र की जो हालत की है... केंद्र सरकार ऐसी ताकतों से सख्ती से निपट रही है। बंगाल में भाजपा की सरकार बनने के बाद क्षेत्र से ऐसी हर ताकत को हटाया जाएगा, जिसे टीएमसी ने लाकर बसाया है। भाजपा सरकार आपके अधिकारों और आपकी पहचान की रक्षा करेगी।’’
एक वीडियो का हवाला देते हुए उन्होंने तृणमूल कांग्रेस सरकार पर अनुसूचित जाति के लोगों का अपमान करने का हवाला दिया और दावा किया कि ममता बनर्जी ने गरीबों, दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों को उनका जायज हक नहीं दिया।
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