महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने पर MNS प्रमुख राज ठाकरे का हमला, कहा-मतदाताओं का घोर अपमान

By स्वाति सिंह | Published: November 12, 2019 07:31 PM2019-11-12T19:31:30+5:302019-11-12T19:31:30+5:30

राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की उद्घोषणा पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। अधिकारियों ने कहा कि राज्य की विधानसभा निलंबित अवस्था में रहेगी।

MNS chief Raj Thackeray attacked Maharashtra President's rule, said - insult to voters | महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने पर MNS प्रमुख राज ठाकरे का हमला, कहा-मतदाताओं का घोर अपमान

राज्यपाल ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि राज्य में ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है कि चुनाव परिणाम घोषित होने के 15 दिन बाद भी एक स्थायी सरकार संभव नहीं है।

Highlightsमहाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू किया गया है राज ठाकरे ने केंद सरकार पर निशाना साधा है।  ​​​​​​​

महाराष्ट्र में पिछले महीने हुए विधानसभा चुनाव के बाद से सरकार गठन को लेकर जारी गतिरोध के बीच मंगलवार शाम राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया। इसी बीच महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) प्रमुख राज ठाकरे ने केंद सरकार पर निशाना साधा है। 

उन्होंने ट्वीट किया 'राज्यात राष्ट्रपती राजवट लागू होणे म्हणजे ह्या नतद्रष्टांनी महाराष्ट्राच्या मतदारांचा केलेला घोर अपमान आहे।' यानि राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाना महाराष्ट्र के मतदाताओं का घोर अपमान है।'

बता दें कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की उद्घोषणा पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। अधिकारियों ने कहा कि राज्य की विधानसभा निलंबित अवस्था में रहेगी। उनके अनुसार, राज्यपाल ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि राज्य में ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है कि चुनाव परिणाम घोषित होने के 15 दिन बाद भी एक स्थायी सरकार संभव नहीं है।

कांग्रेस ने मंगलवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी द्वारा राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश करने के लिए उनकी आलोचना की और आरोप लगाया कि उन्होंने ‘‘न्याय का हनन’’ किया है और संवैधानिक प्रक्रिया का मजाक बनाया है।

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने महाराष्ट्र के राज्यपाल पर राकांपा, शिवसेना और भाजपा को सरकार बनाने के लिए बहुमत साबित करने के लिए ‘‘मनमाने ढंग से’’ समय देने का आरोप भी लगाया।

वहीं, महाराष्ट्र में सरकार गठन के लिए आवश्यक समर्थन पत्र सौंपने के वास्ते अतिरिक्त समय न देने के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के निर्णय के खिलाफ शिवसेना मंगलवार को उच्चतम न्यायालय पहुंची। राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश से पहले राकांपा और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाने की कोशिश में लगी रही शिवसेना दोनों दलों से आवश्यक समर्थन पत्र नहीं जुटा पाई थी।

शिवसेना के नेताओं ने सरकार गठन के दावे के लिए सोमवार रात साढ़े सात बजे की समयसीमा से पहले राज्यपाल से मुलाकात की थी। पार्टी नेता अनिल परब ने एक समाचार चैनल से कहा, ‘‘शिवसेना ने अतिरिक्त समय न देने के महाराष्ट्र के राज्यपाल के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की है। हमने राज्यपाल से आवश्यक समर्थन पत्र सौंपने के लिए तीन दिन का समय देने का आग्रह किया था। हम बाद में शक्ति परीक्षण में अपना बहुमत साबित कर सकते थे।’’

बहरहाल, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा प्रतिनियुक्त कांग्रेस नेता महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर आगे बातचीत के लिये महाराष्ट्र पहुंच गए। इस बीच, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने मंगलवार को कहा कि कांग्रेस के समर्थन और ‘तीनों दलों’ के विचार-विमर्श के बिना महाराष्ट्र में सरकार नहीं बन सकती।

राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शरद पवार की अगुवाई वाली राकांपा को आज मंगलवार शाम साढ़े आठ बजे तक सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए कहा था। लेकिन कोश्यारी ने मंगलवार को राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश कर दी। कोश्यारी के कार्यालय द्वारा ट्वीट किये गये एक बयान के अनुसार, ‘‘वह संतुष्ट हैं कि सरकार को संविधान के अनुसार नहीं चलाया जा सकता है, (और इसलिए) संविधान के अनुच्छेद 356 के प्रावधान के अनुसार आज एक रिपोर्ट सौंपी गई है।’’

अनुच्छेद 356 को आमतौर पर राष्ट्रपति शासन के रूप में जाना जाता है और यह ‘राज्य में संवैधानिक तंत्र की विफलता’ से संबंधित है। बहरहाल, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने राज्य में सरकार गठन के लिए शिवसेना को समर्थन देने के फैसले पर कांग्रेस की तरफ से की गई देरी को लेकर हो रही आलोचनाओं को मंगलवार को खारिज कर दिया।

सरकार बनाने के लिए क्या कांग्रेस शिवसेना को समर्थन देने पर सहमत हुई थी, यह पूछे जाने पर चव्हाण ने कहा कि अगर ऐसा नहीं होता तो उनकी पार्टी ने सोमवार को दिल्ली में इतनी लंबी चर्चाए नहीं की होतीं।

राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के संबंध में मंगलवार को लगाई जा रही अटकलों के बीच, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार शिंदे ने कहा कि अगर राष्ट्रपति शासन लागू भी होता है तो जब दलों के पास संख्या बल हो और वे सरकार बनाने की दावेदारी कर सकते हों तो उसे हटाया भी जा सकता है।

महाराष्ट्र में गैर-भाजपाई सरकार बनाने के शिवसेना के प्रयासों को सोमवार को झटका लगा था जब कांग्रेस ने अंतिम क्षण में कहा कि वह उद्धव ठाकरे नीत पार्टी को समर्थन देने के विषय पर अपनी सहयोगी राकांपा से कुछ और चर्चाएं करना चाहती है।

गौरतलब है कि महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर गतिरोध 19वें दिन में प्रवेश कर गया है और कोई भी दल सरकार बनाने में अब तक सफल नहीं हुआ है । इससे पहले रविवार को प्रदेश में सबसे बड़े दल के रूप में उभरी भाजपा ने कहा कि उसके पास सरकार बनाने के लिये जरूरी संख्या नहीं है।

Web Title: MNS chief Raj Thackeray attacked Maharashtra President's rule, said - insult to voters

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