मिजोरम: मंत्री ने नहीं की वीआईपी दर्जे की परवाह, एक विधुर का घर बनाने के लिए मजूदरों के साथ किया काम
By भाषा | Published: June 17, 2020 09:20 PM2020-06-17T21:20:58+5:302020-06-17T21:20:58+5:30
मिजोरम के मंत्री रोमाविया रोयटे मुख्यमंत्री जोरमथंगा के मंत्रिमंडल में रोयटे खेल, पर्यटन और सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी..के तीन विभाग संभाल रहे हैं।
आइजोल। मिजोरम के मंत्री रोमाविया रोयटे ने अपने वीआईपी दर्जे की परवाह करे बिना राजधानी आइजोल में एक विधुर व्यक्ति के आवास निर्माण में एक सामान्य मजदूर की तरह भारी पत्थरों को ढोकर श्रमदान दिया। रोयटे ‘तलावमनगेना’ में दृढ़ता से विश्वास करते हैं। ‘तलावमनगेना मिजो समुदाय की नैतिक परंपरा है जिसमें निस्वार्थ सेवा प्रदान की जाती है।
मुख्यमंत्री जोरमथंगा के मंत्रिमंडल में रोयटे खेल, पर्यटन और सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी..के तीन विभाग संभाल रहे हैं। 53 वर्षीय मंत्री ने 13 और 15 जून को आइजोल के पूर्वी हिस्से में स्थित चिटे विंग में आवास निर्माण में यह श्रमदान दिया। यहां यंग मिजो एसोसिएशन (वाईएमए) के स्वयंसेवक और स्थानीय परिषद के सदस्य एक व्यक्ति द्वारा दिए गए दान के बाद एक विधुर के आवास निर्माण में लगे हुए हैं। चिटे विंग आइजोल पूर्वी-II विधानसभा क्षेत्र में आता है और रोयटे यहीं से 2018 के विधानसभा चुनाव में निर्वाचित हुए थे।
मंत्री ने कहा कि उन्होंने यह काम ख्याति पाने के लिए नहीं बल्कि ‘तलावमनगेना’ को लेकर उनकी प्रतिबद्धता के वशीभूत किया था। उन्होंने कहा कि समाजिक कार्य या कोई भी अन्य श्रम बहुल कार्य अच्छे शारीरिक व्यायाम का भी हिस्सा है।
उन्होंने कहा कि वह अपने निजी सुरक्षा अधिकारियों के साथ इस काम में फिर शामिल होंगे। रोयटे खिलाड़ी भी रह चुके हैं और अब भी नियमित व्यायाम करते हैं। मंत्री ने न केवल श्रमदान किया बल्कि विधुर व्यक्ति को 10,000 रुपये की आथिक सहायता रभी दी और स्थानीय कोविड-19 कार्य बल को मास्क प्रदान किए।