दिल्ली में स्कूल फिर से खोले जाने को लेकर अभिभावक संघों की ओर से मिली-जुली प्रतिक्रिया
By भाषा | Published: November 24, 2021 10:54 PM2021-11-24T22:54:29+5:302021-11-24T22:54:29+5:30
नयी दिल्ली, 24 नवंबर दिल्ली में शैक्षणिक संस्थानों को फिर से खोलने को लेकर बुधवार को सरकार की घोषण पर स्कूलों और अभिभावक निकायों की मिली-जुली प्रतिक्रिया आई और कुछ ने कहा कि पढ़ाई के नुकसान की भरपाई करना जरूरी है और अन्य ने इसे "जल्दबाजी में लिया गया निर्णय" करार दिया है।
दिल्ली अभिभावक संघ ने कहा कि दिल्ली की वायु गुणवत्ता और कोविड-19 महामारी चिंता का कारण बनी हुई है और बच्चों के फेफड़ों को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है।
हालांकि, कुछ स्कूलों ने कहा कि उन्होंने बच्चों की सुरक्षा के लिए आवश्यक व्यवस्था की है और वे चीजों को सुचारू रूप से प्रबंधित करने में सक्षम होंगे क्योंकि एक समय में कक्षा में केवल 50 प्रतिशत छात्रों को ही प्रवेश की अनुमति दी जाएगी।
इससे पहले दिन में, दिल्ली सरकार ने घोषणा की कि स्कूलों, कॉलेजों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में भौतिक रूप से उपस्थित होकर कक्षाएं फिर से शुरू होंगी और शहर में हवा की गुणवत्ता में "सुधार" के मद्देनजर 29 नवंबर से सरकारी कार्यालय फिर से खुलेंगे।
रोहिणी में एमआरजी स्कूल के प्रिंसिपल अंशु मित्तल ने कहा, ''हमें यह घोषणा सुनकर खुशी हुई कि दिल्ली सरकार अब स्कूलों को फिर से खोल देगी क्योंकि दूरस्थ शिक्षा को एक साल से अधिक समय हो गया है और जैसे-जैसे परीक्षा नजदीक आ रही है, छात्रों को शिक्षकों और सहपाठियों के साथ सामाजिक संपर्क की जरूरत पेश आ रही है।"
अखिल भारतीय अभिभावक संघ (एआईपीए) के अध्यक्ष अशोक अग्रवाल ने कहा, "शुक्र है , अधिकारियों ने अंततः बच्चों के लिए स्कूल के महत्व को महसूस किया है।सभी स्कूलों को नर्सरी से कक्षा 12 तक सभी कक्षाएं चलाने की अनुमति दी जानी चाहिए और वह भी 100 फीसदी क्षमता के साथ।"
दिल्ली अभिभावक संघ (डीपीए) ने हालांकि कहा कि सरकार ने अगले सप्ताह से भौतिक रूप से कक्षाएं फिर से शुरू करने का फैसला जल्दबाजी में लिया है।
डीपीए अध्यक्ष अपराजिता गौतम ने दावा किया कि ज्यादातर माता-पिता सरकार के फैसले से सहमत नहीं हैं।
उन्होंने कहा, " एक बार फिर कोरोना वायरस के मामले बढ़ रहे हैं और दिल्ली खतरनाक वायु प्रदूषण से जूझ रही है। ये दोनों ही फेफड़ों को बुरी तरह प्रभावित करते हैं, इसलिए वे माता-पिता जिनके बच्चे संवेदनशील हैं या एलर्जी से पीड़ित हैं, वे स्कूल खुलने पर उनके बीमार होने को लेकर चिंतित हैं।
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