कोरोना वायरस के इलाज के नियमों में स्वास्थ्य मंत्रालय ने किए बड़े बदलाव, सिर्फ गंभीर मरीजों की टेस्टिंग जरूरी, जानें क्या-क्या बदला

By पल्लवी कुमारी | Published: May 9, 2020 12:02 PM2020-05-09T12:02:45+5:302020-05-09T12:02:45+5:30

भारत में कोरोना से अबतक 1981 लोगों की मौत हो चुकी है। देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 59,662 हो गई है। एक्टिव कोरोना केस 39,834 हैं। इसमें 17,846 मरीज ठीक/डिस्चार्ज भी हुए हैं।

Ministry of Health MoHFW issues revised discharge policy for COVID-19 patients all details | कोरोना वायरस के इलाज के नियमों में स्वास्थ्य मंत्रालय ने किए बड़े बदलाव, सिर्फ गंभीर मरीजों की टेस्टिंग जरूरी, जानें क्या-क्या बदला

प्रतीकात्मक तस्वीर

Highlightsडिस्‍चार्ज होने के बाद मरीजों को 14 दिन आइसोलेशन में रहने की अनिवार्यता को भी खत्म कर दिया गया है। मॉडरेट केसेज यानी जिन मरीजों में कोरोना के लक्षण गंभीर हैं, उन्हें डेडिकेटेड कोविड हेल्‍थ सेंटर में ऑक्‍सीजन बेड्स पर रखा जाएगा।

नई दिल्ली:कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों के इलाज को लेकर भारत की  केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से बदलाव किए गए हैं। जिसमें कोरोना वायरस से ठीक होने के बाद मरीजों को डिस्‍चार्ज करने की पॉलिसी में बदलाव लाए गए हैं। नई पॉलिसी आज (9 मई) सुबह जारी की गई है। मरीजों को डिस्‍चार्ज करने की पॉलिसी में जो सबसे बड़ा बदलाव यह हुआ है कि सिर्फ गंभीर मरीजों की टेस्टिंग को ही जरूरी बताया गया है। यानी हल्‍के केसेज में डिस्‍चार्ज से पहले टेस्टिंग की जरूरत को खत्‍म कर दिया गया है। जिम मरीज में अगर को लक्षण नहीं दिखता है या उसका हालात सामन्य होता है तो उसे 10 दिनों में भी डिस्चार्ज किया जा सकता है।

डिस्‍चार्ज होने के बाद मरीजों को 14 दिन की जगह अब 7 दिन आइसोलेशन में रहना होगा

डिस्‍चार्ज होने के बाद मरीजों को 14 दिन आइसोलेशन में रहने की अनिवार्यता को भी खत्म कर दिया गया है यानी पेशेंट को 14 दिन की जगह  7 दिन होम आइसोलेशन में रहना होगा। डिस्‍चार्ज मरीज का 14वें दिन  टेली-कॉन्‍फ्रेंस के जरिए फॉलो-अप चेकअप किया जाएगा।

जानें जिन मरीजों में कोरोना के लक्षण हल्के हैं, उनके लिए क्या नियम है

जिन मरीजों में कोरोना के लक्षण नहीं दिखाई दे रहे है या बहुत ही हल्के हैं उन्हें कोविड केयर फैसिलिटी में रखा जाएगा। उनका नियमित तौर पर शरीर का टेम्‍प्रेचर, पल्‍स चेक किया जाएगा। इसके बाद देखा जाता है कि उन्हें कम से कम 3 दिनों से कोई बुखार नहीं हुआ है तो 10 दिनों के भीतर डिस्‍चार्ज किया जा सकता है। डिस्‍चार्ज से पहले उनके कोविड-19 की टेस्टिंग नहीं की जाएगी। इसके बाद मरीज को घर में 7 दिन होम आइसोलेशन में रहने का निर्देश दिया जाएगा।। 

जानें जिन मरीजों में कोरोना के लक्षण गंभीर हैं (यानी मॉडरेट केसेज) , उनके लिए क्या नियम है

मॉडरेट केसेज यानी जिन मरीजों में कोरोना के लक्षण गंभीर हैं, उन्हें डेडिकेटेड कोविड हेल्‍थ सेंटर में ऑक्‍सीजन बेड्स पर रखा जाएगा। उसके बाद नियमित तौर पर शरीर का टेम्‍प्रेचर, पल्‍स चेक किया जाएगा। मरीज का अगले 4 दिन तक सैचुरेशन लेवल 95% से ज्‍यादा रहता है तो मरीज को 10 दिन के बाद छोड़ा जा सकता है।

Web Title: Ministry of Health MoHFW issues revised discharge policy for COVID-19 patients all details

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