उत्तराखंड: पलायन की मार झेल रहा पौड़ी, 10 साल में 20 फीसदी लोग गांव छोड़ने पर हुए मजबूर
By भाषा | Published: December 3, 2018 01:04 AM2018-12-03T01:04:43+5:302018-12-03T01:04:43+5:30
पलायन का सबसे ज्यादा दंश उत्तराखंड के पौड़ी जिले ने झेला है. बीते दस सालों में पलायन करने वालों में से 20 फीसदी से अधिक लोग इसी जिले के हैं. इतना ही नहीं, 2011 की जनगणना के अनुसार, पौड़ी और अल्मोड़ा ही ऐसे दो जिले हैं जहां जनसंख्या में ऋणात्मक वृद्धि दर्ज की गई है. अकेले पौड़ी जिले में ही 186 ऐसे गांव हैं जो लगभग खाली हो चुके हैं. उत्तराखंड सरकार द्वारा गठित पलायन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार राज्य से कुल जितने लोगों ने पलायन किया है उनमें से 20 प्रतिशत से ज्यादा लोगों ने पिछले एक दशक में पलायन किया है.
इनमें भी ज्यादातर ने रोजगार की तलाश में अपना घर बार छोड़ा है. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा गठित ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि पलायन का सबसे ज्यादा दंश नैसर्गिक सौंदर्य से ओतप्रोत पौड़ी जिले ने ही झेला है. पिछले 10 सालों मेंं पौड़ी से 25,584 व्यक्ति स्थायी रूप से पलायन कर चुके हैं. यह आंकड़ा, राज्य से पलायन करने वाले कुल व्यक्तियों की संख्या के 20 फीसदी से भी ज्यादा है.
पिछले 10 सालों में पौड़ी से अस्थायी रूप से पलायन करने वालों की संख्या 47,488 है . 52.58 फीसदी ने आजीविका के लिए छोड़ा जिला रिपोर्ट में यह साफ तौर पर कहा गया है कि जिले से पलायन करने वालों में से 52.58 फीसदी लोगों ने अपना घर-बार छोड़ने की मुख्य वजह आजीविका के साधन का न होना बताया है. केवल 15.78 फीसदी लोगों ने शिक्षा सुविधाओं तथा 11.26 फीसदी ने स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव को अपने पलायन का मुख्य कारण बताया है.
बॉक्स पौड़ी का व्यापार ठप्प होने के कगार पर पौड़ी के पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष जसपाल सिंह नेगी का कहना है कि राज्य गठन से पहले पौड़ी में खूब रौनक हुआ करती थी परंतु राज्य गठन के बाद धीरे-धीरे यहां स्थित सभी विभागों के कैंप कार्यालय देहरादून बन गए. यहां का हरेक अफसर अपनी तैनाती देहरादून या मैदानी क्षेत्र में ही चाहता है ताकि उनके बच्चों को शिक्षा की बेहतर सुविधा मिल सके. इस सबका खामियाजा पौड़ी मुख्यालय और उसके आसपास के क्षेत्रों को ही भुगतना पड़ रहा है.
चाहे होटल हों या दुकानें, पौड़ी का व्यापार ठप्प होने के कगार पर है. बॉक्स यह है पलायन की वजह - अधिकारी कैंप कार्यालयों में बैठकर काम करने लगे हैं जिससे उनका पौड़ी कम हो गया है. - शिक्षकों का क्षेत्रीय कार्यालय पौड़ी से नैनीताल जिले के रामनगर क्षेत्र में शिफ्ट हो गया. - खेल विभाग का मंडलीय कार्यालय भी पौड़ी से देहरादून चला गया. - गढ़वाल आयुक्तऔर पुलिस उपमहानिरीक्षक रेंज के अधिकारी भी देहरादून की तरफ कूच कर गए. - पौड़ी में कृषि निदेशालय खुला लेकिन वह भी देहरादून चला गया.