मजदूरों के पलायन ने बढ़ाई BJP की बेचैनी, वरिष्ठ पार्टी नेता ओम प्रकाश माथुर की अमित शाह को लिखी चिट्ठी लीक, डैमेज कंट्रोल में जुटे
By हरीश गुप्ता | Published: May 17, 2020 07:08 AM2020-05-17T07:08:11+5:302020-05-17T07:08:11+5:30
भाजपा जरूरतमंदों और प्रवासियों को भोजन और आश्रय प्रदान करती रही है, लेकिन बड़े पैमाने पर मजदूरों के अनियंत्रण पलायन ने पार्टी नेतृत्व को सकते में डाल दिया है.
नई दिल्लीः समझा जाता है कि टीवी चैनलों पर दिख रहे हृदय विदारक दृश्यों ने भाजपा अध्यक्ष जे. पी. नड्डा को शनिवार बैठकों की श्रृंखला के लिए मजबूर कर दिया. कहा जाता है कि उन्होंने रेल मंत्री पीयूष गोयल सहित कुछ केंद्रीय मंत्रियों के साथ अपने आवास पर मुलाकात की. हालांकि, बैठक के दौरान क्या चर्चा हुई, इसकी तत्काल पूरी जानकारी नहीं है, लेकिन नड्डा ने मंत्रियों के साथ प्रवासियों को घरों तक पहुंचाने और उन्हें और अधिक राहत प्रदान करने के तरीकों पर चर्चा की.
हालांकि, भाजपा जरूरतमंदों और प्रवासियों को भोजन और आश्रय प्रदान करती रही है, लेकिन बड़े पैमाने पर मजदूरों के अनियंत्रण पलायन ने पार्टी नेतृत्व को सकते में डाल दिया है. वहीं, भाजपा उपाध्यक्ष और राज्यसभा सांसद ओम प्रकाश माथुर की ओर से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लिखे गए पत्र लीक होने से भौंहें और तन गई हैं.
इस बीच, एक प्रस्ताव चर्चा में है कि रेलवे अब यात्रियों को मुफ्त में यात्रा कराकर 100 फीसदी सब्सिडी दे सकता है. माथुर ने प्रवासी मजदूरों के मुद्दे पर शाह को पत्र लिखने की हिम्मत दिखाई है. वह चाहते हैं कि पीएम-केयर्स फंड से 1000 करोड़ रुपए प्रवासी मजदूरों के परिवहन के लिए दिए जाएं. उन्होंने अपने चिट्ठी में कहा है कि हजारों किलोमीटर पैदल चल रहे ये मजदूर 'हमारे ही लोग' हैं. यह कष्ट चर्चा का विषय बन गया है.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने आज लोकमत समचार को बताया, ''हमने पार्टी नेतृत्व को बताया है कि श्रम शिविरों में नोडल अधिकारियों को नियुक्त कर प्रवासियों के लिए ऑनलाइन फॉर्म भरने और अन्य बोझिल प्रकियाएं सरल बनानी चाहिए. हमने अन्य सुझाव भी दिए हैं. हम टीवी चैनलों पर ऐसे भयानक दृश्य और नहीं देखना चाहते हैं. भाजपा ने इस स्थिति के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को दोषी ठहराया है, जिन्होंने हालात बिगड़ने तक प्रवासियों को स्वीकार करने से इनकार कर दिया. इसके लिए बिहार के कई मंत्रियों ने आवाज उठाई. यहां यहां तक कि सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भी साहसिक बयान दिए जिससे श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेनें बड़ी संख्या में चलने लगीं."
डैमेज कंट्रोल में जुटे, राज्यों की आंतरिक राजनीति को ठहराया जिम्मेदार
ओम प्रकाश माथुर के सार्वजनिक हुई चिट्ठी ने भाजपा नेतृत्व को चिंतित कर दिया और वह डैमेज कंट्रोल में जुट गए. हालांकि, उन्होंने किसी हादसे के लिए केंद्र को जिम्मेदार नहीं ठहराया है, लेकिन प्रवासी मजदूर संकट और उनकी सहायता की मांग उठाकर साफ संदेश दिया है कि सभी नेता लगातार काम कर रहे हैं. पार्टी नेतृत्व ने इस संकट के लिए राज्यों की आंतरिक राजनीति को जिम्मेदार ठहराया है. यहां यह उल्लेख किया जा सकता है कि पीएम-केयर्स फंड से हाल ही में जो 1000 करोड़ रुपए राज्यों को जारी किए गए हैं, वे प्रवासियों के आश्रय, भोजन, दवाई और परिवहन में मदद के लिए हैं.