गृह मंत्रालय ने लश्कर के सदस्य अरबाज अहमद मीर को आतंकवादी घोषित किया, जम्मू में शिक्षिका रजनी बाला की हत्या का मास्टरमाइंड था
By अनिल शर्मा | Published: January 7, 2023 10:01 AM2023-01-07T10:01:34+5:302023-01-07T10:06:38+5:30
अधिसूचना में कहा गया है- "मीर टारगेट किलिंग में शामिल है और जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में एक शिक्षिका रजनी बाला की हत्या में मुख्य साजिशकर्ता के रूप में उभरा है। वह कश्मीर घाटी में आतंकवाद के समन्वय में भी शामिल है और अवैध हथियारों या गोला-बारूद या विस्फोटकों का परिवहन करके सीमा पार से आतंकवादियों का समर्थन करता है।"
नई दिल्लीः गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर में शिक्षिका रजनी बाला समेत लक्षित हत्याओं में शामिल लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के सदस्य अरबाज अहमद मीर को आतंकवादी घोषित कर दिया है। मंत्रालय ने गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम 1967 के तहत अरबाज को आतंकवादी के रूप में नामित किया है। यूएपीए के तहत चौथी अनुसूची में शामिल होने के साथ, मीर आतंकवादी घोषित होने वाला 51वां व्यक्ति होगा।
गृह मंत्रालय ने शुक्रवार देर रात एक अधिसूचना के माध्यम से यह घोषणा की। जिसमें कहा गया कि मीर, जो जम्मू-कश्मीर से ताल्लुक रखता है, वर्तमान में पाकिस्तान में स्थित है और सीमा पार से लश्कर के लिए काम कर रहा है।
अधिसूचना में कहा गया है- "मीर टारगेट किलिंग में शामिल है और जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में एक शिक्षिका रजनी बाला की हत्या में मुख्य साजिशकर्ता के रूप में उभरा है। वह कश्मीर घाटी में आतंकवाद के समन्वय में भी शामिल है और अवैध हथियारों या गोला-बारूद या विस्फोटकों का परिवहन करके सीमा पार से आतंकवादियों का समर्थन करता है।"
गौरतलब है कि जम्मू की रजनी बाला की 31 मई, 2022 को कुलगाम जिले में सरकारी हाई स्कूल, गोपालपोरा के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले के गुफबल गांव के रहने वाले मंजूर अहमद मीर का बेटा मीर कश्मीर घाटी में आतंकवाद के समन्वय में शामिल है और सीमा पार से अवैध हथियार या गोला-बारूद या विस्फोटक ले जाकर आतंकवादियों का समर्थन करता है।
अधिसूचना में कहा गया है, "केंद्र सरकार का मानना है कि अरबाज अहमद मीर आतंकवाद में शामिल है और उसे गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धारा 35 द्वारा प्रदत्त शक्तियों के प्रयोग में एक आतंकवादी के रूप में जोड़ा जाना है।"
केंद्र अगर मानता के कोई शख्स आंतकवाद में लिप्त है तो अधिनियम की चौथी अनुसूची में किसी व्यक्ति का नाम जोड़ने के लिए गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धारा 35 की उप-धारा (1) और उप-धारा (2) के खंड (ए) का उपयोग करता है।