दिवंगत पिता और पार्टी के संस्थापक बाल ठाकरे के लिए स्मारक बने, लेकिन पेड़ों को न छुआ जाए: उद्धव

By भाषा | Published: December 9, 2019 04:47 PM2019-12-09T16:47:25+5:302019-12-09T16:47:25+5:30

शिवसेना के वरिष्ठ नेता और औरंगाबाद से पूर्व सांसद चंद्रकात खैरे ने बताया, “हमें रविवार रात को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मौखिक आदेश मिला जिसमें स्मारक बनाने के लिये किसी भी पेड़ को हाथ नहीं लगाने को कहा गया है। हम सभी पेड़ों को बचाते हुए स्मारक बनाएंगे।”

Memorial to late father and party founder Bal Thackeray, but the trees should not be touched: Uddhav | दिवंगत पिता और पार्टी के संस्थापक बाल ठाकरे के लिए स्मारक बने, लेकिन पेड़ों को न छुआ जाए: उद्धव

खैरे ने कहा, “(दिवंगत) बाला साहब ठाकरे और उद्धव ठाकरे पर्यावरण को लेकर बेहद सजग हैं।

Highlightsमीडिया में ऐसी खबरें आई थीं कि स्मारक के लिये करीब एक हजार पेड़ों को गिराए जाने की जरूरत पड़ेगी।पेड़ों को गिराए जाने की जरूरत से जुड़ी खबरों पर खैरे ने कहा कि ऐसी अफवाहें निहित स्वार्थों के लिये फैलायी जा रही हैं।

शिवसेना के एक वरिष्ठ नेता ने सोमवार को दावा किया कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने अपने दिवंगत पिता और पार्टी के संस्थापक बाल ठाकरे के औरंगाबाद में प्रस्तावित स्मारक के लिए पेड़ न गिराए जाने को लेकर “मौखिक आदेश” दिया है।

मीडिया में ऐसी खबरें आई थीं कि स्मारक के लिये करीब एक हजार पेड़ों को गिराए जाने की जरूरत पड़ेगी, जिसके बाद रविवार को पार्टी सोशल मीडिया पर ट्रोल हुई थी। शिवसेना के वरिष्ठ नेता और औरंगाबाद से पूर्व सांसद चंद्रकात खैरे ने बताया, “हमें रविवार रात को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मौखिक आदेश मिला जिसमें स्मारक बनाने के लिये किसी भी पेड़ को हाथ नहीं लगाने को कहा गया है। हम सभी पेड़ों को बचाते हुए स्मारक बनाएंगे।”

पेड़ों को गिराए जाने की जरूरत से जुड़ी खबरों पर खैरे ने कहा कि ऐसी अफवाहें निहित स्वार्थों के लिये फैलायी जा रही हैं जो शहर के सिडको इलाके में प्रियदर्शनी गार्डन में स्मारक नहीं चाहता। उन्होंने कहा कि शिवसेना शासित औरंगाबाद नगर निगम ने न तो किसी निविदा को अंतिम रूप दिया है, न ही कोई कार्य आदेश जारी हुआ है।

खैरे ने कहा, “(दिवंगत) बाला साहब ठाकरे और उद्धव ठाकरे पर्यावरण को लेकर बेहद सजग हैं। शिवसेना ने कभी नहीं कहा कि हम प्रियदर्शनी गार्डन में स्मारक के लिये पेड़ों को उखाड़ेंगे। हमें रविवार रात को मौखिक आदेश प्राप्त हुए हैं जिसके बारे में महापौर को बता दिया गया है। आदेश का सख्ती से अनुपालन होगा।”

प्रियदर्शिनी गार्डन रेंगने वाले कई जीवों और पक्षियों का घर है। इससे पहले दिन में औरंगाबाद नगर निगम (एएमसी) में पेड़ समिति के एक सदस्य और पर्यावरण कार्यकर्ता किशोर पाठक ने कहा, ‘‘ अगर यह भूमि स्मारक के लिए दी जाती है तो हम इसकी सुंदरता खो देंगे।’’

उन्होंने दावा किया, “पार्क में कम से कम 80 प्रजाति के पक्षियों का बसेरा है जिनमें से 52 भारतीय और शेष विदेशी पक्षी हैं। यहां 35 तरह की तितलियां और सात तरह के सांप हैं और 80 तरह के कीड़े रहते हैं। यह स्थान अब भी जानवरों का आश्रय और ऑक्सीजन का प्रमुख केंद्र है।”

उन्होंने बताया कि नगर निगम करीब साढ़े सात हजार पेड़ों को काटने और यहां दुकानों का परिसर, कैफेटेरिया और बच्चों का पार्क बनाने की योजना तैयार कर रहा है। औरंगाबाद के महापौर नंदकुमार घोडेले ने रविवार को कहा था कि उनका प्रशासन ठाकरे स्मारक के लिये पेड़ों को काटने की इजाजत नहीं देगा।

इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री देंवेंद्र फड़णवीस की पत्नी अमृता ने मीडिया में आई खबरों पर एक तस्वीर पोस्ट करते हुए ट्वीट किया था, “पाखंड एक बीमारी है। जल्दी ठीक हो जाओ शिवसेना। पेड़ की कटाई- अपनी सुविधा से या सिर्फ तब जब आपको कमीशन मिले तब इजाजत देना- माफी योग्य अपराध नहीं है।”

Web Title: Memorial to late father and party founder Bal Thackeray, but the trees should not be touched: Uddhav

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