26/11 को लेकर मेघालय गवर्नर ने मुस्लिमों पर किया विवादित ट्वीट, बाद में डिलिट कर मांगी माफी
By पल्लवी कुमारी | Published: November 26, 2018 04:40 PM2018-11-26T16:40:21+5:302018-11-26T16:40:21+5:30
26/11 attacke: 26 नवंबर 2008 को पाकिस्तान से समुद्र मार्ग से आए 10 आतंकियों ने अंधाधुंध गोलीबारी कर 18 सुरक्षाकर्मियों समेत 166 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था और बड़ी संख्या में लोगों को घायल कर दिया था।
पूरे देश में आज 26/11 आतंकी हमले की दसवीं बरसी मनाई जा रही है। इसी दिन मेघालय के राज्यपाल तथागत रॉय ने एक विवादित ट्वीट किया, जिसके बाद उन्होंने उसे फौरन डिलिट भी कर दिया है। इस ट्वीट में उन्होंने मुस्लिमों को लेकर विवादित बात लिखी थी।
26/11 आतंकी हमले को लेकर तथागत रॉय ने किया था ट्वीट
दोपहर तकरीबन एक बजे तथागत रॉय ने पोस्ट किया'आज मुंबई में पाकिस्तान की मदद से हुए मासूमों के नरसंहार (मुस्लिमों को छोड़कर) की 10वीं बरसी है, जिसे 26/11 कहा जाता है। क्या किसी को याद है कि हमने पाकिस्तान के साथ अपने कूटनीतिक संबंध जरा भी कम किए हैं (या तो खुद ये संबंध तोड़े जाएं या तो युद्ध के लिए तैयार रहें)?'
मेघालय गवर्नर तथागत रॉय ने ट्वीट डिलीट कर मांगी माफी
ट्वीट को विवादों में आने के बाद मेघालय गवर्नर तथागत रॉय ने माफी मांगते हुए ट्वीट किया, 'मुझे गलत जानकारी दी गई थी कि 26/11 हमलों में पाकिस्तानी आतंकियों द्वारा मुस्लिमों को छोड़ दी जाए। कई मुस्लिमों ने इस हमले में अपनी जान गंवाई। यह एक तथ्यों से जुड़ी गलती थी और मैं इसके लिए माफी मांगता हूं। वह ट्वीट डिलीट कर दिया गया है।'
The tweet relating to 26/11 contained a factual mistake. It has been deleted with apologies. No further enquiries please
— Tathagata Roy (@tathagata2) November 26, 2018
26/11 के आतंकी हमले में 166 लोगों की हुई थी मौत
26 नवंबर 2008 को पाकिस्तान से समुद्र मार्ग से आए 10 आतंकियों ने अंधाधुंध गोलीबारी कर 18 सुरक्षाकर्मियों समेत 166 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था और बड़ी संख्या में लोगों को घायल कर दिया था।
उस हमले में आतंक निरोधी दस्ते (एटीएस) के तत्कालीन प्रमुख हेमंत करकरे, सेना के मेजर संदीप उन्नीकृष्णन, मुंबई के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त अशोक कामटे और वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक विजय सालस्कर की भी मौत हो गई थी।यह हमला 26 से 29 नवंबर तक चला था।
इसमें आतंकियों ने छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, ओबेरॉय ट्राइडेंट, ताज महल होटल, लियोपोल्ड कैफे, कामा अस्पताल और यहूदी सामुदायिक केंद्र नरीमन हाउस को खासतौर पर निशाना बनाया था।
हमलावरों में से एक अजमल कसाब को जिंदा पकड़ लिया गया था। 21 नवंबर 2012 को उसे फांसी दे दी गई थी।