राजमार्गों पर प्रत्येक 40-50 किमी की दूरी पर चिकित्सा केंद्र खोला जाए, अनेक लोगों की जान बचाई जा सकतीः समिति
By भाषा | Published: December 9, 2019 06:35 PM2019-12-09T18:35:15+5:302019-12-09T18:35:15+5:30
परिवहन, पर्यटन और संस्कृति संबंधी संसदीय स्थायी समिति ने ‘‘सड़क क्षेत्र में अवसंरचना संबंधी रिण’’ के संबंध में अपने 236वें प्रतिवेदन में यह सिफारिश की है। भाजपा के टी जी वेंकटेश की अध्यक्षता वाली समिति ने अपनी रिपोर्ट में विभिन्न राजमार्गों पर दुर्घटना के शिकार व्यक्तियों के लिए चिकित्सा सुविधाओं की कमी रेखांकित की है।
देश में विभिन्न राजमार्गों पर दुर्घटना के शिकार व्यक्तियों के लिए चिकित्सा सुविधाओं की कमी रेखांकित करते हुए संसद की एक स्थायी समिति ने राजमार्गों पर प्रत्येक 40 से 50 किलोमीटर की दूरी पर चिकित्सा केंद्र खोले जाने की और पीड़ितों को एम्बुलेन्स उपलब्ध कराने की सिफारिश की है।
परिवहन, पर्यटन और संस्कृति संबंधी संसदीय स्थायी समिति ने ‘‘सड़क क्षेत्र में अवसंरचना संबंधी रिण’’ के संबंध में अपने 236वें प्रतिवेदन में यह सिफारिश की है। भाजपा के टी जी वेंकटेश की अध्यक्षता वाली समिति ने अपनी रिपोर्ट में विभिन्न राजमार्गों पर दुर्घटना के शिकार व्यक्तियों के लिए चिकित्सा सुविधाओं की कमी रेखांकित की है।
प्रतिवेदन में समिति ने कहा है ‘‘यह अनुभव किया गया है कि दुर्घटना के बाद समय रहते हुए शीघ्र चिकित्सा सहायता उपलब्ध करा कर अनेक लोगों की जान बचाई जा सकती है। समिति ने राजमार्गों पर प्रत्येक 40 से 50 किलोमीटर की दूरी पर चिकित्सा केंद्र खोले जाने की और पीड़ितों को एम्बुलेन्स उपलब्ध कराने की सिफारिश की है।
साथ ही समिति ने यह भी कहा है ‘‘प्रत्येक दुर्घटना पीड़ित का उपचार किया जाना चाहिए चाहे वह बीमित हो या न हो।’’ अपनी रिपोर्ट में समिति ने यह भी कहा है कि इस समय देश भर में बड़े सड़क नेटवर्क की तुलना में उन्नत लाइफ सपोर्ट एम्बुलेन्स की संख्या बहुत कम है। समिति ने उन्नत लाइफ सपोर्ट एम्बुलेन्स की संख्या और बढ़ाने की सिफारिश भी की है।