BSP के छह विधायक शामिल होने पर मायावती ने कांग्रेस को बताया धोखेबाज, सीएम अशोक गहलोत ने कहा- मुझे उनसे ऐसी उम्मीद थी
By रामदीप मिश्रा | Published: September 17, 2019 02:34 PM2019-09-17T14:34:54+5:302019-09-17T14:57:19+5:30
राजस्थान से बसपा के छह विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को सोमवार देर रात एक पत्र सौंपा। विधायकों बिना शर्त कांग्रेस में शामिल हो गए। इसके बाद मायावती ने कांग्रेस को धोखेबाज बताया।
राजस्थान में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सभी छह विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए, जिसके बाद बसपा सुप्रीमो ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला और उसे धोखेबाज करार दिया। मायावती के इस बयान पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पलटवार किया है और कहा कि मुझे उनसे ऐसी उम्मीद थी।
मायावती के बयान पर सीएम अशोक गहलोत ने कहा, 'उनसे ऐसी प्रतिक्रिया की उम्मीद है। विधायकों ने राज्य की स्थिति और लोगों की भावनाओं पर विचार किया, यही कारण है कि वे हमारे साथ शामिल हुए, हमने उन पर कोई दबाव नहीं डाला।'
इससे पहले मायावती ने ट्वीट कर कहा था कि राजस्थान में कांग्रेस पार्टी की सरकार ने एक बार फिर बीएसपी के विधायकों को तोड़कर गैर-भरोसेमन्द व धोखेबाज़ पार्टी होने का प्रमाण दिया है। यह बीएसपी मूवमेन्ट के साथ विश्वासघात है जो दोबारा तब किया गया है जब बीएसपी वहां कांग्रेस सरकार को बाहर से बिना शर्त समर्थन दे रही थी।
Rajasthan CM Ashok Gehlot on BSP Chief Mayawati's comment "Congress is deceitful, broke 6 MLAs from BSP": Such reaction from her is expected. MLAs considered the situation in state & feelings of the people, that is why they joined us, we did not put any pressure on them. pic.twitter.com/pdRrrEyKB3
— ANI (@ANI) September 17, 2019
मायावती ने आगे कहा कि कांग्रेस अपनी कटु विरोधी पार्टी से लड़ने के बजाए हर जगह उन पार्टियों को ही सदा आघात पहुंचाने का काम करती है जो उन्हें समर्थन देते हैं। कांग्रेस इस प्रकार एससी, एसटी,ओबीसी विरोधी पार्टी है तथा इन वर्गों के आरक्षण के हक के प्रति कभी गंभीर व ईमानदार नहीं रही है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमेशा ही बाबा साहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर व उनकी मानवतावादी विचारधारा की विरोधी रही। इसी कारण डॉ अम्बेडकर को देश के पहले कानून मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। कांग्रेस ने उन्हें न तो कभी लोकसभा में चुनकर जाने दिया और न ही भारतरत्न से सम्मानित किया। अति-दुःखद व शर्मनाक है।
आपको बता दें कि राजस्थान से बसपा के छह विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को सोमवार देर रात एक पत्र सौंपा। विधायकों ने बिना शर्त कांग्रेस में शामिल होने की बात कही। राज्य में बसपा के छह विधायक राजेंद्र सिंह गुढ़ा (उदयपुर वाटी), जोगेंद्र सिंह अवाना (नदबई), वाजिब अली (नगर), लाखन सिंह (करौली), संदीप कुमार (तिजारा) और दीपचंद खेरिया (किशनगढ़ बास) है।
200 सीटों वाली राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस के 100 विधायक हैं और उसके सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के पास एक विधायक है और इस तरह सरकार बहुमत में है। इसके अलावा राज्य के 13 निर्दलीय विधायकों में से 12 ने कांग्रेस को बाहर से समर्थन देने की घोषणा कर रखी है। राजस्थान में दिसंबर में विधानसभा चुनाव के बाद बसपा प्रमुख मायावती ने कांग्रेस को बाहर से समर्थन देने की घोषणा की थी।