मायावती ने कहा- सब कुछ भूलकर किया था गठबंधन लेकिन अखिलेश ने नहीं किया फोन, ताज कॉरिडोर में मुझे फंसाने में शामिल थे मुलायम
By रजनीश | Published: June 24, 2019 09:38 AM2019-06-24T09:38:45+5:302019-06-24T09:38:45+5:30
लोकसभा चुनाव में मनमुताबिक नतीजे न मिलने का पूरा ठीकरा मायावती ने सपा के सिर मढ़ते हुए मायावती ने सपा के साथ गठबंधन को बड़ी भूल बताया।
बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने रविवार को पार्टी के विधायकों, सांसदों और वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की। इस बैठक में मायावती ने भतीजे आकाश आनंद को राष्ट्रीय समन्वयक बनाया और भाई आनंद कुमार को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी है। बैठक में उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा उपचुनावों पर चर्चा की गई। लोकसभा चुनाव में बसपा और समाजवादी पार्टी (सपा) ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था जिसमें बसपा के खाते में सिर्फ 10 सीटें ही आईं। बैठक में मायावती ने साफ किया कि आगामी विधानसभा उपचुनाव उनकी पार्टी अकेले लड़ेगी।
लोकसभा चुनाव में मनमुताबिक नतीजे न मिलने का पूरा ठीकरा मायावती ने सपा के सिर मढ़ते हुए मायावती ने सपा के साथ गठबंधन को बड़ी भूल बताया। मायावती ने कहा कि नतीजे आने के बाद अखिलेश यादव ने उन्हें फोन तक नहीं किया। मायावती ने बताया कि सतीश मिश्रा ने अखिलेश से कहा भी कि वो मायावती को फोन कर लें फिर भी अखिलेश ने नहीं किया। जबकि मैंने बड़े होने का फर्ज निभाया और लोकसभा चुनाव के नतीजे वाले दिन 23 तारीख को अखिलेश को फोन कर उनकी पत्नी डिंपल यादव और परिवार के अन्य लोगों के हारने पर अफसोस जताया।
मायावती ने कहा कि जब मैंने दिल्ली की मीटिंग में गठबंधन खत्म करने की बात कही उस दौरान भी अखिलेश ने सतीश मिश्रा को फोन किया लेकिन उस समय भी मुझसे बात नहीं किया। मायावती ने कहा कि अगर गठबंधन को यादवों का पूरा वोट मिलता तो बदायूं, फिरोजाबाद और कन्नौज जैसी सीटें सपा न हारती। सूत्रों के मुताबिक, मायावती ने साफ किया कि एसपी के साथ गठबंधन का फैसला जल्दबाजी में नहीं बल्कि सोच विचार कर लिया गया गया था। लेकिन फैसले से जो परिणाम आने चाहिए थे, नहीं आए।
बैठक में इन मुद्दों पर मायावती ने अखिलेश-मुलायम पर लगाए आरोप-
-मायावती ने बताया कि उन्हें ताज कॉरीडोर मामले में फंसाने में बीजेपी के साथ मुलायम सिंह यादव की भी महत्वपूर्ण भूमिका थी। फिर भी मैं सब कुछ भूलकर उनके लिए वोट मांगने गई।
-सपा ने प्रमोशन में रिजर्वेशन का विरोध किया था इसलिए दलितों और पिछड़ों ने उन्हें वोट नहीं किया।
-सपा सरकार में गैर यादव पिछड़ों के साथ इंसाफ नहीं हुआ इसलिए उन्होंने भी वोट नहीं दिया।
-बसपा के प्रदेश अध्यक्ष रामआसरे कुशवाहा को सपा के नेता राम गोविंद चौधरी ने हरवाया। उन्होंने यादव वोट ट्रांसफर नहीं करवाया और अखिलेश ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, देश के सभी राज्यों में पार्टी को मजबूत करने के लिए आकाश आनंद को अहम जिम्मेदारी दी गई है। रविवार को हुई बैठक में मौजूद रहे पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि आकाश आनंद को राष्ट्रीय समन्वयक और आनंद कुमार को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया है । इसके अलावा राम जी गौतम को भी राष्ट्रीय समन्व्यक बनाया गया है। आनंद कुमार पहले भी पार्टी के पदाधिकारी रह चुके हैं।
उन्होंने बताया कि अमरोहा संसदीय सीट से सांसद चुने गये दानिश अली को लोकसभा में पार्टी का नेता सदन तथा नगीना से सांसद गिरीश चन्द्र को मुख्य सचेतक बनाया गया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता सतीश मिश्र पहले की तरह राज्यसभा में पार्टी के नेता के रूप में रहेंगे। बसपा प्रमुख के ऐलान के बाद 24 वर्षीय आकाश आनंद अब पार्टी को राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत बनाने के लिए काम करेंगे।
कहा जा रहा है कि पुरानी पद्धति पर काम कर रही बसपा में आकाश के आने के बाद से कई बदलाव आए। सूत्रों के अनुसार, सामान्यत: मीडिया और सोशल मीडिया से दूर रहने वाली मायावती अपने भतीजे के कहने पर ट्विटर पर आईं और लोकसभा चुनाव से पहले आधिकारिक अकाउंट बनाया। मायावती अब लगातार ट्विटर के जरिए विपक्ष पर हमला बोलती हैं। आकाश अब पार्टी को युवा दृष्टिकोण से आगे बढ़ाने के लिए काम करेंगे।
आकाश, मायावती के भाई आनंद कुमार के बेटे हैं। उन्होंने पहली बार मायावती के साथ 2017 में मेरठ में एक सार्वजनिक सभा में मंच साझा किया था। इस बार के लोकसभा चुनाव में आकाश, मायावती के साथ चुनाव सभाओं में दिखते रहे हैं। 16 अप्रैल को जब मायावती पर चुनाव आयोग ने आचार संहिता उल्लंघन के आरोप में 48 घंटे का प्रतिबंध लगाया था तब आकाश ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव और रालोद प्रमुख अजीत सिंह के साथ आगरा में एक चुनावी जनसभा को भी संबोधित किया था।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, बैठक सुबह दस बजे से थी लेकिन पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता, सांसद और विधायक सुबह नौ बजे बैठक स्थल पर पहुंच गए। बैठक से पहले सारे नेताओं के मोबाइल फोन जमा करा लिए गए। यहां तक कि उनके पेन, पर्स, बैग और डिजिटल घड़ी निकालने के बाद उन्हें मीटिंग हॉल में अंदर जाने दिया गया।
बसपा की यह अहम बैठक उप्र 13 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव से पहले हुई है। इन 13 सीटों में से पांच सीटें पश्चिमी उप्र की हैं। इन 13 में से 11 सीटें भाजपा के पास थीं। बैठक में इन सीटों पर पार्टी के उपचुनाव लड़ने के बारे में भी चर्चा की गयी। विधानसभा उपचुनाव मायावती के लिए बेहद अहम हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में बसपा को एक भी सीट नहीं मिली थी।
अखिलेश का चरित्र धोखा देने वाला नहीं: चौधरी
समाजवादी पार्टी ने बसपा सुप्रीमो मायावती के आरोपों का पूरी तरह से खंडन किया है। सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का चरित्र किसी को धोखा देने वाला नहीं है। उन्होंने कहा है कि सपा संविधान का सम्मान करने और समाजवादी विचारधारा पर चालने वाली पार्टी है। अखिलेश यादव ने कभी भी किसी पर कोई व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं की। सपा ने हमेशा बेहतर काम करने और सभी को साथ लेकर चलने का काम किया है। सपा ने बसपा के साथ गठबंधन धर्म पूरी ईमानदारी से निभाया।