कृषि से जुड़े विधेयकों पर मायावती का विरोध, चिदंबरम बोले- इसका पास होना लोगों और सरकार के बीच की दूरी को दिखाता है
By विनीत कुमार | Published: September 18, 2020 09:12 AM2020-09-18T09:12:04+5:302020-09-18T09:12:04+5:30
लोक सभा में गुरुवार को पास हुए कृषि से जुड़े विधेयकों पर विपक्ष का विरोध जारी है। पी चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा कि इस बारे में राज्यों से कोई सलाह नहीं ली गई। वहीं, बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी नाराजगी जताई है।
लोक सभा में पास हुए कृषि विधेयकों पर पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा है। पी चिदंबरम ने कहा कि सरकार का कदम लोगों और सरकार के बीच की दूरी को दिखाता है। उन्होंने साथ ही कहा कि इस बिल पर राज्यों से सलाह नहीं ली गई। ये राज्य के अधिकारों और संघवाद पर भी हमला है। वहीं, मायावती ने भी कहा कि वे सरकार के कदम से सहमत नहीं हैं।
पी चिदंबरम ने शुक्रवार को ट्वीट किया, 'किसानों से जुड़े दो अध्यादेश लोकसभा में पास हो गए। पंजाब और हरियाण के किसान सड़कों पर हैं और इसका विरोध कर रहे हैं। ये लोगों और सरकार के बीच की दूरी के दर्शाता है।'
Two farmer-related Ordinances have been approved by the Lok Sabha. Farmers of Punjab and Haryana are on the streets protesting. Captures the distance between the people and the government!
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) September 18, 2020
चिदंबरम ने तमिलनाडु का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, 'तमिलनाडु के किसानों ने मुझे बताया है कि वे निजी ट्रेडर्स को धान 850 रुपये में बेच रहे हैं जबकि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 1150 रुपये है। तमिलनाडु सरकार को इस बारे में स्पष्टीकरण देना चाहिए।'
मायावती ने भी जताया विरोध
वहीं, बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने भी बिल पर विरोध जताया है। उन्होंने ट्वीट किया, 'संसद में किसानों से जुड़े दो बिल, उनकी सभी शंकाओं को दूर किये बिना ही, कल पास कर दिये गये हैं। उससे BSP कतई भी सहमत नहीं है। पूरे देश का किसान क्या चाहता है? इस ओर केन्द्र सरकार जरूर ध्यान दे तो यह बेहतर होगा।'
बता दें कि लोकसभा ने हंगामे के बीच गुरुवार को कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक पारित कर दिया। आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक पहले ही पारित हो चुका है।
इसे लेकर खूब हंगमा भी हुआ। एनडीए की अहम साझेदार शिरोमणी अकाली दल की हरसीमरत कौर ने बिल के विरोध में गुरुवार को इस्तीफा भी दे दिया था, जिसे स्वीकार कर लिया गया है। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिल पास होने के बाद ट्वीट कर इसे ऐतिहासिक बताया।
पीएम मोदी ने कहा कि ये विधेयक सही मायने में किसानों को बिचौलियों और तमाम अवरोधों से मुक्त करेंगे। हालांकि, इन विधेयकों के विरोध में देश के कुछ हिस्सों खासकर कृषि प्रधान पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों में किसान प्रदर्शन भी कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि किसानों को ‘भ्रमित’ करने में ‘बहुत सारी शक्तियां’ लगी हुई हैं।