'मौसम वैज्ञानिक' ने भांप लिया हवा का रुख, अमित शाह के इस प्रस्ताव को नहीं ठुकरा सके रामविलास पासवान
By विकास कुमार | Published: December 22, 2018 01:32 PM2018-12-22T13:32:44+5:302018-12-22T13:32:44+5:30
बिहार में सीटों के बंटवारे को लेकर आज तस्वीर साफ हो सकती है। ऐसा कहा जा रहा है कि भ्रम की स्थिति को दूर करने के लिए भाजपा आज सीट शेयरिंग का एलान करने जा रही है।
देश की सियासत में 'मौसम वैज्ञानिक' का तमगा प्राप्त करने वाले रामविलास पासवान और उनके बेटे चिराग पासवान ने अमित शाह से मुलाकात करने के बाद एनडीए में बने रहने का फैसला किया है। खबर है कि रामविलास पासवान की पार्टी को बिहार में 6 लोकसभा सीटों का ऑफर दिया जा सकता है। वहीं, भाजपा और जदयू 17-17 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे।
इसके अलावा रामविलास पासवान को भाजपा राज्यसभा भेजने पर राजी हो गई है। हाल ही में चिराग पासवान ने ट्वीट किया था और एनडीए से बिछड़ते दलों को लेकर भाजपा को आगाह करवाया था। ऐसा कहा जा रहा था कि रामविलास पासवान सम्मानजनक सीटें नहीं मिलने की स्थिति में महागठबंधन का दामन थाम सकते हैं। ऐसे कयास इसलिए भी लगाए जा रहे थे क्योंकि बीजेपी हाल ही में हिंदी हार्टलैंड के तीन राज्यों में अपनी सत्ता गवा चुकी है।
रामविलास पासवान दलित और पसमांदा मुस्लिम के वोटों के साथ राजनीति करते रहे हैं। लेकिन बदलते राजनीतिक समीकरणों के बीच आज रामविलास पासवान ये दावा नहीं कर सकते कि बिहार में दलितों के वोट पर उनका एकाधिकार है। पसमांदा मुसलमानों के वोट पर नीतीश कुमार कब का कब्जा जमा चुके हैं।
लोजपा ने पिछले लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के साथ मिल कर चुनाव लड़ा था। लोजपा को 7 सीटें दी गई थी, जिसमें 6 सीटों पर उसने दर्ज की थी। रामविलास पासवान को इसी बात का भ्रम हो गया है कि उन्हें 2014 लोकसभा चुनाव में उनके प्रदर्शन को देखते हुए और सीटें मिलनी चाहिए। इस बार उपेन्द्र कुशवाहा के एनडीए छोड़ने के बाद पासवान की पार्टी को 6 सीटें दी जा रही है।
बिहार में सीटों के बंटवारे को लेकर आज तस्वीर साफ हो सकती है। ऐसा कहा जा रहा है कि भ्रम की स्थिति को दूर करने के लिए भाजपा आज सीट शेयरिंग को लेकर एलान कर सकती है।