तबलीगी जमात के मुखिया मौलाना साद ने क्राइम ब्रांच से कहा- मैं और मेरे लोग सेल्फ क्वारंटाइन में, अभी सबूत के साथ जवाब देना असंभव
By अनुराग आनंद | Published: April 4, 2020 03:13 PM2020-04-04T15:13:28+5:302020-04-04T15:13:28+5:30
मौलाना साद के बेटे और जमात कमेटी के सदस्य मोहम्मद यूसुफ साद ने शुक्रवार को मीडिया के सामने एक लिखित बयान दिया है। यूसुफ के अनुसार बयान मौलाना के परामर्श से तैयार किया गया है।
नई दिल्ली: दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी जमात के कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर बरती गई लापरवाही की खबर सामने आने के बाद से मुख्य आरोपी और जमात के मुखिया मौलाना साद अंडरग्राउंड हो गए हैं।
इस बीच दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की ओर से उन्हें 2 दर्जन से अधिक सवालों के साथ एक नोटिस थमाया गया है। निजामुद्दीन के तबलीगी जमात प्रमुख मौलाना मोहम्मद साद कांधलवी ने इस बात को स्वीकार किया है कि दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने एक प्रश्नावली के साथ उन्हें एक नोटिस थमाया है।
मौलाना साद के बेटे और जमात कमेटी के सदस्य मोहम्मद यूसुफ साद ने शुक्रवार को मीडिया के सामने एक लिखित बयान दिया है। यूसुफ के अनुसार बयान मौलाना के परामर्श से तैयार किया गया है।
आउटलुक में छपी खबर के मुताबिक, यूसुफ ने कहा कि 31 मार्च के बाद से जमात मुख्यालय के बारे में मीडिया में खबरें केवल एक साजिश के तहत चलाई जा रही हैं। यह सब मरकज को बदनाम करने का प्रयास है। तबलीगी जमात का किसी भी राजनीतिक दल से कोई संबंध नहीं है। बता दें कि मौलाना साद के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
मौलाना साद ने अपने लिखित बयान में जमात मुख्यालय के मेहमानों के कोरोनो वायरस संक्रमण को महज एक संयोग बता दिया है। इसके साथ ही बयान में मौलाना साद ने कहा है कि यह एक संयोग की बात है कि जमात में एक लोग कोरोना संक्रमण के शिकार हुए और जैसे ही हमें कोरोनोवायरस के बारे में पता चला, हमने मुख्यालय में मेहमानों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया। हमारे पास हर मेहमान का एक रिकॉर्ड है। जमात मुख्यालय ने सभी मेहमानों को अपने घरों को वापस भेजने के लिए सभी संभव प्रयास किए।
बयान में आगे लिखा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जनता कर्फ्यू के बाद 24 मार्च की आधी रात को पूर्ण तालाबंदी की घोषणा के तुरंत बाद, सरकारी मशीनरी ने जमात मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम को रोक दिया था। यह कार्यक्रम अघोषित समय के लिए स्थगित कर दिया गया था। पिछले कुछ समय में जमात में हिस्सा लेने वाले कई लोग जो विदेशी व देश के थे और जिन्होंने इस कार्यक्रम में भाग लिया है, उन्हें वहां से निकाला गया है। उन्हें या तो विभिन्न स्थानों पर छोड़ दिया गया है या उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
बयान के अनुसार एफआईआर संख्या 63/2020 नई दिल्ली अपराध शाखा के पास दायर की गई है और इसके खिलाफ सीआरपीसी की धारा -91 के तहत नोटिस दिया गया है। अपराध शाखा ने इस नोटिस में सभी दस्तावेजी सबूतों के लिए कहा है।
एक सूत्र के अनुसार, शुक्रवार को क्राइम ब्रांच को दिए जवाब में, जमात मुख्यालय ने कहा कि पुलिस ने मरकज को सील कर दिया है। मौलाना साद व जमात के अधिकांश लोग अब घरों में आइशोलेशन में हैं। इसलिए, इस समय कागजी सबूत प्रदान करना असंभव है। इसलिए, जब जमात मुख्यालय खोला जाएगा और सभी प्रबंधकों को इकट्ठा किया जाएगा, तो अपराध शाखा को सबूत उपलब्ध कराए जाएंगे।