मथुराः सत्य को देखना और दिखाना सच्ची पत्रकारिता, शंभूनाथ शुक्ल ने कहा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 1, 2024 04:01 PM2024-10-01T16:01:30+5:302024-10-01T16:02:01+5:30

शंभूनाथ शुक्ल ने आगे कहा कि सत्य को देखना औऱ सत्य को दिखाना सच्ची पत्रकारिता है, न यह समाज डरा हुआ है और न पत्रकार डरे हुए हैं औऱ जो पत्रकार डरे हुए हैं, उनकी शिनाख्त हो चुकी है।

Mathura See and showing truth is true journalism said Shambhunath Shukla concluded Dr. Ashok Bansal's book 'Melbourne- As I saw' released | मथुराः सत्य को देखना और दिखाना सच्ची पत्रकारिता, शंभूनाथ शुक्ल ने कहा

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Highlights पत्रकारिता का सच्चा धर्म औऱ समाज के प्रति नैतिक जिम्मेदारी है। आप डरे हुए नहीं है तो इसका मतलब आप सहमत हैं।

मथुराः सच्ची पत्रकारिता यही है कि हम व्यवस्था के खिलाफ खड़े हों, जो पत्रकार व्यवस्था से सवाल नहीं करता, उसे डरा हुआ पत्रकार कहा जा सकता है। पत्रकारिता को चौथा स्तम्भ माना गया है तो हमें उसकी गरिमा की रक्षा करनी होगी। ये विचार रविवार को गोविंद नगर स्थित एक होटल में जन सांस्कृतिक मंच के बैनर तले वरिष्ठ पत्रकार विनीता गुप्ता की अध्यक्षता में 'डरा हुआ समाज और पत्रकार'  विषय पर आयोजित विचार गोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित वरिष्ठ पत्रकार शंभूनाथ शुक्ल ने व्यक्त किए। शंभूनाथ शुक्ल ने आगे कहा कि सत्य को देखना औऱ सत्य को दिखाना सच्ची पत्रकारिता है, न यह समाज डरा हुआ है और न पत्रकार डरे हुए हैं औऱ जो पत्रकार डरे हुए हैं, उनकी शिनाख्त हो चुकी है।

बीबीसी हिंदी रेडियो के पूर्व संवाददाता राजेश जोशी ने अपने सम्बोधन में कहा कि व्यवस्था से सवाल करना पत्रकारिता का सच्चा धर्म औऱ समाज के प्रति नैतिक जिम्मेदारी है। इस दौर में आप डरे हुए नहीं है तो इसका मतलब आप सहमत हैं। रात दिन टेलीविजन पर पत्रकारिता के नाम पर झूठ, झूठ और झूठ परोस रहे है, असल मे वह पत्रकार डरे हुए हैं।

इस मौके पर मंच के अध्यक्ष डॉ. अशोक बंसल की पुस्तक 'मेलबोर्न- जैसा मैने देखा' का भी विमोचन हुआ। वक्ताओं के संबोधन के बाद प्रश्न के रूप में श्रोताओं की जिज्ञासा के जवाब दिए गए। इस अवसर पर मौजूद लोगों में उद्योगपति पवन चतुर्वेदी, समाजसेवी दीपक गीयल, श्रीपाल शर्मा, रवि सरीन एडवोकेट, जलेस के अध्यक्ष टिकेन्द्र सिंह शाद थे।

मुरारी लाल अग्रवाल, राजकिशोर अग्रवाल, पत्रकार किशन चतुर्वेदी, विवेक दत्त मथुरिया, रवि प्रकाश भारद्वाज, कैलाश वर्मा, उपेंद्रनाथ चतुर्वेदी प्रो खुशवंत सिंह, अमर अद्वितीय, उपेंद्र त्रिपाठी, राकेश भार्गव, प्रीति अग्रवाल, आमोद शर्मा, साधना भार्गव, मुनीश भार्गव आदि रहे। गोष्ठी का संचालन मंच के सचिव डॉ. धर्मराज सिंह ने और आभार डॉ. आरके चतुर्वेदी ने व्यक्त किया।

Web Title: Mathura See and showing truth is true journalism said Shambhunath Shukla concluded Dr. Ashok Bansal's book 'Melbourne- As I saw' released

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