Krishna Janam Bhoomi: मथुरा कोर्ट ने सुनाया फैसला, ईदगाह हटाने की मांग को खारिज किया

By सतीश कुमार सिंह | Published: September 30, 2020 05:59 PM2020-09-30T17:59:06+5:302020-09-30T19:27:09+5:30

श्रीकृष्ण जन्मभूमि से ईदगाह को हटाने के मामले में बुधवार को ही वादी पक्ष के विष्णु जैन, हरीशंकर जैन और रंजन अगिनहोत्री ने कोर्ट में अपना पक्ष रखा था। मामले में दायर वाद पर सुनवाई पूरी करने के बाद जज ने 4 बजे अपना फैसला सुनाया।

Mathura Court Dismisses Suit Seeking Removal Of Idgah Mosque From Site Claimed As Krishna Janam Bhoomi | Krishna Janam Bhoomi: मथुरा कोर्ट ने सुनाया फैसला, ईदगाह हटाने की मांग को खारिज किया

यह हर भारतीय नागरिक का अधिकार है कि वह कहीं भी किसी भी जनपद में अपनी फरियाद कर सकता है।

Highlightsमथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान विवाद मामले में सिविल जज सीनियर डिविजन कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए याचिका को खारिज कर दिया।उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद में स्थित श्रीकृष्ण जन्मस्थान मामले में आज यहां अपर जिला जज एवं त्वरित अदालत में सुनवाई हुई। स मामले में दायर वाद विचारार्थ स्वीकार करने के बारे में न्यायाधीश ने निश्चय किया है।

मथुराः  मथुरा कोर्ट ने कृष्ण जन्म भूमि के रूप में दावा की गई ईदगाह मस्जिद को हटाने की मांग को खारिज कर दिया है। मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान विवाद मामले में सिविल जज सीनियर डिविजन कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए याचिका को खारिज कर दिया।

श्रीकृष्ण जन्मभूमि से ईदगाह को हटाने के मामले में बुधवार को ही वादी पक्ष के विष्णु जैन, हरीशंकर जैन और रंजन अगिनहोत्री ने कोर्ट में अपना पक्ष रखा था। मामले में दायर वाद पर सुनवाई पूरी करने के बाद जज ने 4 बजे अपना फैसला सुनाया। उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद में स्थित श्रीकृष्ण जन्मस्थान मामले में आज यहां अपर जिला जज एवं त्वरित अदालत में सुनवाई हुई। इस मामले में दायर वाद विचारार्थ स्वीकार करने के बारे में न्यायाधीश ने निश्चय किया है।

हर भारतीय नागरिक का अधिकार है

वादी पक्ष की आरे से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीशंकर जैन और अधिवक्ता विष्‍णु शंकर जैन ने बताया कि उन्होंने बाहरी व्यक्तियों द्वारा यहां इस मसले पर याचिका दाखिल किए जाने से संबंधित सवाल पर अदालत को भारतीय दण्ड संहिता की धारा 16 एवं 20 का हवाला दिया ओर कहा कि यह हर भारतीय नागरिक का अधिकार है कि वह कहीं भी किसी भी जनपद में अपनी फरियाद कर सकता है।

बता दें कि 26 सितंबर को मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान की 13.37 एकड़ भूमि के स्वामित्व और शाही ईदगाह को हटाने को मांग को लेकर सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में वाद दायर किया गया था। याचिका में जमीन को लेकर 1968 में हुए समझौते को गलत बताया गया था। हालांकि इस याचिका को लेकर श्रीकृष्ण जन्मस्थान संस्थान ट्रस्ट का कहना है कि इस केस से उनका कोई लेना देना नहीं है।

मथुरा की अदालत में दाखिल याचिका बुधवार को खारिज कर दी

श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर में स्थित शाही ईदगाह को हटाने के लिए मथुरा की अदालत में दाखिल याचिका बुधवार को खारिज कर दी गई। अतिरिक्त जिला न्यायाधीश छाया शर्मा ने श्रीकृष्ण विराजमान, श्रीकृष्ण जन्मभूमि और उनके आधा दर्जन भक्तों की ओर से दाखिल याचिका खारिज की। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण हिन्दू धर्म के पूज्य देवता हैं, वह भगवान विष्णु के अवतार के रूप में जाने जाते हैं और पूरी दुनिया में उनके असंख्य भक्त एवं श्रद्धालु हैं और ऐसी स्थिति में, ‘‘यदि इसी प्रकार प्रत्येक भक्त और श्रद्धालु को वाद दायर करने की अनुमति दे दी गई तो न्यायिक एवं सामाजिक व्यवस्था चरमरा जाएगी।’’

न्यायाधीश शर्मा ने कहा कि प्रार्थीगण प्रश्नगत डिक्री के नातो पक्षकार हैं और ना ही न्यासी। उक्त डिक्री वर्ष 1968 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान ट्रस्ट और शाही ईदगाह प्रबंधन समिति के बीच हुए समझौते के संबंध में अदालत द्वारा 1973 में दी गयी थी। अदालत ने कहा कि ऐसे में, केवल भक्त होने के आधार पर प्रार्थीगण को वाद प्रस्तुत करने की अनुमति देना न्यायोचित और युक्तियुक्त नहीं होगा, और भक्तजन द्वारा वाद प्रस्तुत किया जाना विधि की दृष्टि से भी अनुमन्य नहीं है।

कहीं भी किसी भी जनपद में अपनी फरियाद कर सकता है

वादी पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीशंकर जैन और अधिवक्ता विष्‍णु शंकर जैन ने बताया कि उन्होंने बाहरी व्यक्तियों द्वारा यहां इस मसले पर याचिका दाखिल किए जाने से संबंधित सवाल पर अदालत को भारतीय दण्ड संहिता की धारा 16 एवं 20 का हवाला दिया ओर कहा कि यह हर भारतीय नागरिक का अधिकार है कि वह कहीं भी किसी भी जनपद में अपनी फरियाद कर सकता है।

मामले की सुनवाई के लिये अदालत में राम मंदिर से संबंधित मामले में न्यायालय के फैसले के पैरा 116 का हवाला दिया गया और कहा गया कि मंदिर निर्माण की संकल्पना अमिट ओर अदालत के अधिकार क्षेत्र से बाहर है। महामना मदन मोहन मालवीय आदि द्वारा ली गई यह संकल्पना मंदिर निर्माण के पश्चात भी कायम है।

सुनवाई के दौरान वादी पक्ष के वकीलों ने श्री कृष्ण जन्मस्थान और कटरा केशवदेव परिसर में भगवान कृष्ण का भव्य मंदिर बनाए जाने से संबंधित इतिहास का सिलसिलेवार ब्यौरा दिया और कहा कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान को शाही ईदगाह प्रबंधन समिति से किसी भी प्रकार का कोई हक ही नहीं था।

इसलिए उसके द्वारा किया गया कोई भी समझौता अवैध है। जिसके साथ शाही ईदगाह निर्माण के लिए कब्जाई गई भूमि पर उसका कब्जा अनधिकृत है। इन अधिवक्ताओं ने कृष्ण सखी के रूप में याचिकाकर्ता रंजना अग्निहोत्री की मांग का समर्थन करते हुए संपूर्ण भूमि का कब्जा श्रीकृष्ण विराजमान को सौंपने का अनुरोध किया था।

राम मंदिर से संबंधित मामले में न्यायालय के फैसले के पैरा 116 का हवाला दिया

उन्होंने बताया कि याचिका की सुनवाई के लिए अदालत में राम मंदिर से संबंधित मामले में न्यायालय के फैसले के पैरा 116 का हवाला दिया और कहा कि मंदिर निर्माण की संकल्पना अमिट ओर अदालत के अधिकार क्षेत्र से बाहर है। महामना मदन मोहन मालवीय आदि द्वारा ली गई यह संकल्पना मंदिर निर्माण के पश्चात भी कायम है।

उन्होंने सुनवाई में श्री कृष्ण जन्मस्थान और कटरा केशवदेव परिसर में भगवान कृष्ण का भव्य मंदिर बनाए जाने से संबंधित इतिहास का सिलसिलेवार ब्यौरा देते हुए कहा कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान को शाही ईदगाह प्रबंधन समिति से किसी भी प्रकार का कोई हक ही नहीं था।

इसलिए उसके द्वारा किया गया कोई भी समझौता अवैध है। जिसके साथ शाही ईदगाह निर्माण के लिए कब्जाई गई भूमि पर उसका कब्जा अनधिकृत है। उन्होंने कृष्ण सखी के रूप में याचिकाकर्ता रंजना अग्निहोत्री की मांग का समर्थन करते हुए संपूर्ण भूमि का कब्जा श्रीकृष्ण विराजमान को सौंपने का अनुरोध किया है।

श्रीकृष्ण जन्मस्थान की 13.37 एकड़ भूमि जो राजा पटनीमल ने 1815 में खरीदी थी

विष्णु जैन का कहना है कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान की 13.37 एकड़ भूमि जो राजा पटनीमल ने 1815 में खरीदी थी उनके पास इस भूमि खरीद के डॉक्युमेंट हैं। याचिका में इतिहासकार जदुनाथ सरकार और इटालियन ट्रैवलर निकोला मानुची का भी जिक्र किया गया, जो इस बात की ओर इशारा करते हैं जन्मस्थान पर कटरा केशव देव में एक कृष्ण मंदिर मौजूद था और इसे जनवरी / फरवरी 1670 में मुगल सम्राट औरंगजेब के आदेश पर ध्वस्त कर दिया गया था। हालांकि, इस याचिका को लेकर श्रीकृष्ण जन्मस्थान संस्थान ट्रस्ट का कहना है कि इस केस से उनका कोई लेना देना नहीं है।

(इनपुट भाषा)

Web Title: Mathura Court Dismisses Suit Seeking Removal Of Idgah Mosque From Site Claimed As Krishna Janam Bhoomi

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