आरक्षण के मुद्दे को लेकर कर्नाटक में भारी विरोध प्रदर्शन, पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा के घर पर हमला
By अंजली चौहान | Published: March 27, 2023 04:26 PM2023-03-27T16:26:37+5:302023-03-27T17:26:50+5:30
विरोध प्रदर्शन स्थल से जो तस्वीरें सामने आई है उनमें देखा जा सकता है कि पुलिस प्रदर्शकारियों पर लाठीचार्ज और वाटर कैनन का सहारा लेते हुए दिखाई दे रहे हैं।
शिवमोग्गा: कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता बीएस येदियुरप्पा के घर सोमवार को हमला हुआ है। बताया जा रहा है कि बंजारा समुदाय के सदस्यों द्वारा येदियुरप्पा के घर दोपहर को भारी प्रदर्शन और पथराव किया गया।
बंजारा समुदाय अनुसूचित जनजाति समुदाय को आंतरिक आरक्षण प्रदान करने के राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ बंजारा समुदाय बड़े पैमाने पर विरोध कर रहा है।
देखते ही देखते विरोध प्रदर्शन उग्र हो गया और आंदोलनकारियों ने पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के आवास के आवास पर पथराव किया तो पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।
BS Yediyurappa's house attacked in Shivamogga, Karnataka by members of the Banjara community.
— Ahmed Khabeer احمد خبیر (@AhmedKhabeer_) March 27, 2023
pic.twitter.com/LIbarOj7E7
घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं। इस दौरान पुलिस को लोगों को काबू करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा।
विरोध प्रदर्शन स्थल से जो तस्वीरें सामने आई है उनमें देखा जा सकता है कि पुलिस प्रदर्शकारियों पर लाठीचार्ज और वाटर कैनन का सहारा लेते हुए दिखाई दे रहे हैं।
बंजारा समुदाय अनुसूचित जनजाति समुदाय में आंतरिक आरक्षण की मांग करता आ रहा है। मगर अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति समुदाय को दिए गए आरक्षण में इंटरनल रिजर्वेशन को लेकर बंजारा समुदाय ने आपत्ति दर्ज करवाई है और इसका विरोध कर रहा है।
बसवराज बोम्मई के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार ने केंद्र को शिक्षा और नौकरियों में अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षण के एक नए ब्रेकअप की सिफारिश की है।
उन्होंने सिफारिश की है कि एससी समुदाय के लिए 17 प्रतिशत आरक्षण में से 6 प्रतिशत अनुसूचित जाति 5.5 प्रतिशत अनुसूचित जाति, 4.5 प्रतिशत 'छूत' के लिए और एक प्रतिशत अनुसूचित जाति के लिए निर्धारित किया जाना चाहिए।
राज्य में अनुसूचित जाति के आरक्षण को उप-वर्गीकृत करने की आवश्यकता को देखने के लिए 2005 में कांग्रेस-जनता दल (सेक्युलर) द्वारा गठित एजे सदाशिव आयोग की एक रिपोर्ट के आधार पर निर्णय लिया गया था।
बंजारा समुदाय की क्या है मांग?
जानकारी के अनुसार, बंजारा समुदाय की मांग है कि सरकार न्यायमूर्ति एजे सदाशिव आयोग की रिपोर्ट को अनुसूचित जातियों के बीच उप-जातियों के लिए आनुपातिक प्रतिनिधित्व की सिफारिश करने वाली रिपोर्ट को अवैज्ञानिक बताते हुए छोड़ दे।
प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया है कि रिपोर्ट अनुसूचित जाति समुदायों को विभाजित करने के लिए निहित स्वार्थों की एक चाल है, जो इतने सालों से एकजुट होकर रह रहे थे।
राज्य सरकार के इस कदम से बंजारों के साथ अन्याय होगा। इसे सिफारिश वापस लेना चाहिए और इसी मांग को लेकर बंजारा समुदाय अड़ा हुआ है।