श्यामा प्रसाद मुखर्जी समेत हजारों शहीदों की इच्छाओं का सम्मान हुआ : राम माधव
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 5, 2019 12:44 PM2019-08-05T12:44:14+5:302019-08-05T12:49:22+5:30
राम माधव ने कहा कि क्या गौरवशाली दिन है। भाजपा महासचिव राम माधव ने अनुच्छेद 370 को लेकर सरकार के कदम को सराहा। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में संकल्प पेश करते हुए राज्य के पुनर्गठन और धारा 370 को हटाने की सिफारिश की।
मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटा दिया है। भाजपा महासचिव राम माधव ने कहा कि अंतत: जम्मू-कश्मीर को भारत में पूर्ण रूप से शामिल किए जाने की श्यामा प्रसाद मुखर्जी समेत हजारों शहीदों की इच्छाओं का सम्मान हुआ।
राम माधव ने कहा कि क्या गौरवशाली दिन है। भाजपा महासचिव राम माधव ने अनुच्छेद 370 को लेकर सरकार के कदम को सराहा। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में संकल्प पेश करते हुए राज्य के पुनर्गठन और धारा 370 को हटाने की सिफारिश की।
भाजपा नेता राम माधव ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 पर लिए सरकार के निर्णय का समर्थन करते हुए सोमवार को कहा कि आखिरकार भारत में राज्य के पूर्ण विलय की डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की इच्छाओं का ‘‘सम्मान’’ हुआ।
पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं राज्य में पार्टी के प्रमुख नेता ने कहा कि देश जम्मू-कश्मीर के पूर्ण विलय की लंबे समय से मांग कर रहा था। गृह मंत्री अमित शाह के संसद में इसकी घोषणा करने के बाद राम माधव ने ट्वीट किया, ‘‘क्या गौरवशाली दिन है।
आखिरकार डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी समेत हजारों शहीदों की भारत में जम्मू-कश्मीर के पूर्ण विलय की इच्छा का सम्मान हुआ और पूरे देश की सात दशक पुरानी मांग हमारी आंखों के सामने पूरी हुई। क्या कभी ऐसा सोचा था?’’ राज्यसभा को संबोधित करते हुए अमित शाह ने आज सोमवार को कहा था कि अनुच्छेद 370 अब जम्मू-कश्मीर में लागू नहीं होगा।
पार्टी प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने ट्वीट किया, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कमाल कर दिया। देश की उम्मीदों पर खरे उतरे। अनुच्छे 370 पर लिए ऐतिहासिक फैसले के लिए नरेन्द्र मोदी जी और अमित शाह जी को बधाई हो। इसने जम्मू-कश्मीर में विकास एवं समृद्धि के रास्ते खोल दिए हैं।’’
केंद्र सरकार के इस फैसले पर भारतीय जनता पार्टी ने खुशी जाहिर की है। बीजेपी नेता राम माधव ने कहा कि सरकार ने सात दशक पुरानी मांग को पूरा कर दिया है। भारतीय संघ में जम्मू-कश्मीर के एकीकरण का जो सपना डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने देखा था और जिसके लिए हजारों लोगों ने शहादत दी, वो हमारे आंखों के सामने सच हो रहा है।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 में यह प्रावधान किया गया था। इसे लेकर जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी इस प्रावधान के सख्त खिलाफ थे. उन्होंने धारा 370 हटाने के लिए आंदोलन चलाया था. मुखर्जी का बलिदान जम्मू-कश्मीर में हुई था।
जम्मू-कश्मीर में श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने धारा 370 का विरोध शुरू किया। उन्होंने एक देश में दो विधान, एक देश में दो निशान, एक देश में दो प्रधान- नहीं चलेंगे नहीं चलेंगे जैसे नारे दिए. देश की एकता और अखंडता को लेकर श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने आंदोलन चलाया था।
इसे लेकर श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने आंदोलन शुरू किया और कश्मीर के लिए रवाना हो गए थे। जम्मू-कश्मीर सरकार ने राज्य में प्रवेश करने पर मुखर्जी को 11 मई 1953 को हिरासत में ले लिया। इसके कुछ समय बाद 23 जून 1953 को जेल में उनकी रहस्यमयी तरीके से मौत हो गई।