‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर सर्वदलीय बैठक में शामिल नहीं हुए कांग्रेस सहित कई विपक्षी दल
By भाषा | Published: June 20, 2019 03:54 AM2019-06-20T03:54:11+5:302019-06-20T03:54:11+5:30
सूत्रों ने बताया कि राजग में शामिल शिवसेना इस बैठक में इसलिए शामिल नहीं हुई क्योंकि बुधवार को पार्टी का स्थापना दिवस था। बैठक में आमंत्रित किये गये कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार को पत्र लिखकर बैठक में शामिल होने में अपनी असमर्थता जाहिर की। कांग्रेस ने अन्य दलों के साथ चर्चा के बाद बैठक से दूर रहने का फैसला किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के मुद्दे पर बुधवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस सहित कई विपक्षी दल शामिल नहीं हुए। कांग्रेस के अलावा समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, द्रमुक, तेलुगू देशम पार्टी और तृणमूल कांग्रेस ने इस बैठक में भाग नहीं लिया।
सूत्रों ने बताया कि राजग में शामिल शिवसेना इस बैठक में इसलिए शामिल नहीं हुई क्योंकि बुधवार को पार्टी का स्थापना दिवस था। बैठक में आमंत्रित किये गये कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार को पत्र लिखकर बैठक में शामिल होने में अपनी असमर्थता जाहिर की। कांग्रेस ने अन्य दलों के साथ चर्चा के बाद बैठक से दूर रहने का फैसला किया।
पार्टी ने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए बुधवार की सुबह सभी विपक्षी दलों की बैठक बुलाई थी लेकिन राहुल के जन्मदिन के कारण इसे रद्द कर दिया गया। पार्टी सांसद गौरव गोगोई ने लोकसभा एवं राज्यों की विधानसभा के एक साथ चुनाव कराने को लेकर भाजपा पर दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए यह भी कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को बैठक में शामिल होने का निमंत्रण मिला था, लेकिन वह खेद प्रकट करते हुए इसमें शामिल नहीं हुए।
गोगोई ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम भी चाहते हैं कि चुनाव प्रक्रिया में सुधार हो। ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ संविधान से जुड़ा विषय है। अगर सरकार चाहे तो चुनाव सुधार को लेकर संसद में चर्चा करा सकती है।’’ कांग्रेस नेता ने भाजपा पर दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘यह वही सरकार है जो गुजरात और हिमाचल प्रदेश का चुनाव का एक साथ नहीं करा पाई। लोकसभा चुनाव कई चरणों में कराए गए। गुजरात में राज्यसभा की दो सीटों पर एकसाथ उपचुनाव नहीं करा पा रही है।
ये लोग अपनी सहूलियत के हिसाब से सब कुछ करते हैं। ’’ एक सवाल के जवाब में गोगोई ने कहा कि जिन दलों के नेता इस बैठक में शामिल हुए हुए हैं, उनकी अपनी सोच है। माकपा महासचिव सीताराम येचुरी और भाजपा के डी राजा इस बैठक में शामिल हुए लेकिन उन्होंने इस विचार का कड़ा विरोध किया। उन्होंने कहा कि यह संघवाद की भावना के खिलाफ है। एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने भी इस विचार को संघीय ढांचे के खिलाफ बताते हुए इसका विरोध किया।
यह बैठक संसद की पुस्तकालय इमारत में हुई थी। बसपा प्रमुख मायावती ने ट्वीट करके कहा कि अगर यह बैठक ईवीएम पर होती तो वह इसमें शामिल होतीं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी इसमें शामिल नहीं हुए। तेलंगाना राष्ट्र समिति का इस बैठक में प्रतिनिधित्व के चंद्रशेखर राव के बेटे और पार्टी के कार्यकारी प्रमुख के टी रामाराव ने किया।