'महाभोज' और 'आपका बंटी' जैसी कालजयी रचनाओं की लेखिका मन्नू भंडारी नहीं रहीं, 90 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

By अनिल शर्मा | Published: November 15, 2021 03:32 PM2021-11-15T15:32:35+5:302021-11-15T16:01:21+5:30

'महाभोज' और 'आपका बंटी' जैसी कालजयी रचनाओं की लेखिका मन्नू भंडारी नहीं रहीं। वह 90 साल की थीं। मन्नू भंडारी ने अपनी बेहतरीन कहानियों और उपन्यासों से हिंदी साहित्य को समृद्ध किया।

mannu bhandari the author of classics like mahabhoj and aapka bunty died at the age of 90 | 'महाभोज' और 'आपका बंटी' जैसी कालजयी रचनाओं की लेखिका मन्नू भंडारी नहीं रहीं, 90 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

'महाभोज' और 'आपका बंटी' जैसी कालजयी रचनाओं की लेखिका मन्नू भंडारी नहीं रहीं, 90 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

Highlightsमन्नू भंडारी की कहानी 'यही सच है' पर बासु चैटर्जी ने 1974 में 'रजनीगंधा' फिल्म भी बनाई थी90 साल की उम्र में उन्होंने सोमवार को इस दुनिया को अलविदा कह दिया

नई दिल्लीः 'महाभोज' और 'आपका बंटी' जैसी कालजयी रचनाओं की लेखिका मन्नू भंडारी नहीं रहीं। वह 90 साल की थीं। मन्नू भंडारी ने अपनी बेहतरीन कहानियों और उपन्यासों से हिंदी साहित्य को समृद्ध किया। उनकी लिखी एक कहानी 'यही सच है' पर बासु चैटर्जी ने 1974 में 'रजनीगंधा' फिल्म भी बनाई थी। 'आपका बंटी' उनकी प्रसिद्ध कृति मानी जाती है।

मन्नू भंडारी का जन्म 3 अप्रैल 1931 को मध्य प्रदेश के मंदसौर में हुआ था। उनके बचपन का नाम महेंद्र कुमारी था। हालांकि जब उन्होंने लेखन में अपना कदम रखा तो मन्नू भंडारी नाम चुना। बचपन में लोग उन्हें मन्नू नाम से ही पुकारते थे। वह सुप्रसिद्ध साहित्यकार राजेंद्र यादव की पत्नी थीं। वह अध्यापन से भी जुड़ी रहीं। दिल्ली के प्रतिष्ठित मिरांडा हाउस कॉलेज में वह लंबे समय तक पढ़ाती रहीं।

मन्नू भंडारी की प्रसिद्ध कृतियां

मन्नू भंडारी ने एक से बढ़कर एक कहानियों का सृजन किया। जिनमें - 'मैं हार गई', 'तीन निगाहों की एक तस्वीर', 'एक प्लेट सैलाब', 'यही सच है', 'आंखों देखा झूठ' और 'त्रिशंकु' जैसी कहानियां प्रमुख हैं। 

पहला उपन्यास- 'एक इंच मुस्कान' 

मन्नू भंडारी का पहला उपन्यास साल 1961 में प्रकाशित हुआ था जिसका नाम था- 'एक इंच मुस्कान'।  उन्होंने इस पहले उपन्यास को अपने पति साहित्यकार राजेंद्र यादव के साथ मिल कर लिखा था। प्रेम त्रिकोण पर लिखी यह किताब अपने समय में काफी चर्चित हुई थी और लोगों ने इसे बहुत पसंद किया था। लेकिन उन्होंने पहली किताब 'मैं हार गई' 1957 में ही लिखी थी।

ब्रिटिश अभिनेता ने 'महाभोज' पर टेली फिल्म बनाई थी

मन्नू भंडारी की कृतियों पर फिल्में भी बनीं। 'स्वामी', 'रजनीगंधा' और 'जीना यहां' उनकी कृतियों पर बनी हिन्दी फिल्मे हैं। ब्रिटिश अभिनेता विलियम ऐश ने बीबीसी के लिए 'महाभोज' पर आधारित एक टेली फिल्म भी बनाई थी।

  

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