पीएम मोदी के मन की 5 मुख्य बातें- जल संरक्षण पर दिया जोर, बोले पानी बचाने के प्राचीन तरीके शेयर करें
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 30, 2019 12:00 PM2019-06-30T12:00:17+5:302019-06-30T12:00:17+5:30
लोकसभा चुनावों का ऐलान होने से कुछ दिन पहले 24 फरवरी को मोदी ने मार्च एवं अप्रैल में ‘मन की बात’ कार्यक्रम नहीं करने का ऐलान किया था। अपनी वापसी का भरोसा जताते हुए मोदी ने कहा था कि...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल में पहली बार 'मन की बात' किया। इस कार्यक्रम की शुरुआत में पीए मोदी ने कहा कि मन की बात देश औऱ समाज के लिए एक आईने की तरह है। ये हमें बताता है कि देशवासियों के भीतर अंदरूनी मजबूती, ताकत और टैलेंट की कोई कमी नहीं है। जरूरत है उन मजबूतियों औऱ टैलेंट को समाहित करने की, अवसर प्रदान करने की, उसको क्रियान्वित करने की। मन की बात ये बताता है कि देश की तरक्की में सारे 130 करोड़ देशवासी मजबूती और सक्रियता से जुड़ना चाहते हैं।
-पीएम मोदी ने कहा जब देश में आपातकाल लगाया गया तब उसका विरोध सिर्फ राजनीतिक दायरे तक सीमित नहीं रहा था, राजनेताओं तक सीमित नहीं रहा था, जेल के सलाखों तक, आन्दोलन सिमट नहीं गया था। जन-जन के दिल में एक आक्रोश था।
भारत गर्व के साथ कह सकता है कि हमारे लिए, कानून नियमों से परे लोकतंत्र हमारे संस्कार हैं, लोकतंत्र हमारी संस्कृति है, लोकतंत्र हमारी विरासत है। और आपातकाल में हमने अनुभव किया था और इसीलिए देश, अपने लिए नहीं, लोकतंत्र की रक्षा के लिए आहुत कर चुका था।
जल की महत्ता के लिए बनेगा जल शक्ति मंत्रालय-
इसके अलावा जल संरक्षण पर जोर देते हुए पीएम मोदी ने कहा जल की महत्ता को सर्वोपरि रखते हुए देश में नया जल शक्ति मंत्रालय बनाया गया है। इससे पानी से संबंधित सभी विषयों पर तेज़ी से फैसले लिए जा सकेंगे। जल संरक्षण को लेकर पीएम मोदी ने लोगों से तीन अनुरोध भी किए।
मेरा पहला अनुरोध है – जैसे देशवासियों ने स्वच्छता को एक जन आंदोलन का रूप दे दिया। आइए, वैसे ही जल संरक्षण के लिए एक जन आंदोलन की शुरुआत करें। देशवासियों से मेरा दूसरा अनुरोध है। हमारे देश में पानी के संरक्षण के लिए कई पारंपरिक तौर-तरीके सदियों से उपयोग में लाए जा रहे हैं। मैं आप सभी से, जल संरक्षण के उन पारंपरिक तरीकों को शेयर करने का आग्रह करता हूँ।
जल संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले व्यक्तियों का, स्वयं सेवी संस्थाओं का, और इस क्षेत्र में काम करने वाले हर किसी का, उनकी जो जानकारी हो, उसे आप #JanShakti4JalShakti के साथ शेयर करें ताकि उनका एक डाटाबेस बनाया जा सके।
-लोकसभा चुनाव 2019 के बारे में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यह चुनाव अब तक के इतिहास में दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक चुनाव था। आप कल्पना कर सकते हैं कि इस प्रकार के चुनाव संपन्न कराने में कितने बड़े स्तर पर संसाधनों की और मानवशक्ति की आवश्यकता हुई होगी। लाखों कर्मियों की दिन-रात की मेहनत से चुनाव संपन्न हो सका। सैन्य कर्मियों ने भी अथक मेहनत किया।
-योग दिवस पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि मेरे प्यारे देशवासियो, मुझे और एक बात के लिए भी आपका और दुनिया के लोगों का आभार व्यक्त करना है। 21 जून को फिर से एक बार योग दिवस में उमंग के साथ, एक-एक परिवार के तीन-तीन चार-चार पीढ़ियाँ, एक साथ आ करके योग दिवस को मनाया।
-इसके अलावा पीएम मोदी ने कहा कि लोगों को मुंशी प्रेमचंद्र की कहानी 'नशा' पढ़ना चाहिए।
इससे पहले लोकसभा चुनावों का ऐलान होने से कुछ दिन पहले 24 फरवरी को मोदी ने मार्च एवं अप्रैल में ‘मन की बात’ कार्यक्रम नहीं करने का ऐलान किया था। अपनी वापसी का भरोसा जताते हुए मोदी ने कहा था कि वह मई के अंतिम रविवार को अपने कार्यक्रम के साथ लौटेंगे।
बता दें कि बीजेपी नीत एनडीए लोकसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में लौटी है और मोदी ने 30 मई को प्रधानमंत्री पद की शपथ लिया था। इससे पहले पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि चार महीने लंबे अंतराल के बाद 'मन की बात' लौट रहा है।'