Manipur violence: मणिपुर में मरने वालों की संख्या बढ़कर 54, 150 से अधिक घायल, सीएम बीरेन सिंह ने राजनीतिक दलों से समर्थन मांगा
By सतीश कुमार सिंह | Published: May 6, 2023 06:28 PM2023-05-06T18:28:07+5:302023-05-06T18:29:53+5:30
Manipur violence: चुराचांदपुर जिले में दो अलग-अलग मुठभेड़ों में पांच उग्रवादी मारे गए और इंडिया रिजर्व बटालियन के दो जवान घायल हो गए।
इंफालः मणिपुर में स्थिति 3 मई से तनावपूर्ण बनी हुई है। एटीएसयूएम एकजुटता मार्च के बाद विरोध करने वाली भीड़ ने वाहनों, घरों, स्कूलों, चर्चों और वाणिज्यिक संपत्तियों को आग लगा दी थी, जिसने राज्य भर में ताजा तनाव फैल गया। मणिपुर डीजीपी ने कहा कि सुरक्षा बलों के हस्तक्षेप के बाद राज्य में स्थिति में सुधार हुआ है।
सर्वदलीय बैठक में मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने सभी राजनीतिक दलों से समर्थन मांगा और राज्य में हिंसा के बीच क्षेत्र में शांति की अपील करने को कहा है। अधिकारियों ने बताया कि मणिपुर में भड़की हिंसा में कम से कम 54 लोगों की जान चली गई है। केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू ने शनिवार को कहा कि मणिपुर में भड़की हिंसा 'बेहद दुर्भाग्यपूर्ण' है।
सरकार हर संभव कदम उठा रही है। अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार को मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में छुट्टी पर गए सीआरपीएफ के कोबरा कमांडो को उनके गांव में हथियारबंद हमलावरों ने गोली मार दी। कॉन्स्टेबल चोंखोलेन हाओकिप के मारे जाने के मद्देनजर सीआरपीएफ ने मणिपुर के रहने वाले और अपने गृह राज्य में छुट्टी पर गए अपने कर्मियों को परिवार के सदस्यों के साथ अपने निकटतम सुरक्षा अड्डे पर "तुरंत" रिपोर्ट करने का निर्देश दिया।
रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि कुल 13,000 लोगों को बचाया गया और सुरक्षित आश्रयों में स्थानांतरित किया गया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह और शीर्ष अधिकारियों के साथ मणिपुर की स्थिति की समीक्षा की। राज्य में शांति बनाए रखने के लिए केंद्र ने अतिरिक्त सुरक्षा बलों और दंगा रोधी वाहनों को भेजा है।
वहीं गैर आधिकारिक सूत्रों के अनुसार हिंसा में बड़ी संख्या में लोग मारे गए हैं और 150 से अधिक घायल हुए हैं। इंफाल घाटी में शनिवार को जनजीवन सामान्य होता नजर आया क्योंकि दुकानें एवं बाजार फिर से खुले और सड़कों पर कार भी चलती दिखीं।
अधिकारियों ने बताया कि सभी प्रमुख क्षेत्रों और सड़कों पर सेना की अतिरिक्त टुकड़ियों और केंद्रीय पुलिस बल के जवानों की तैनाती के साथ सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया गया है। शुक्रवार को जिन इलाकों में उग्रवादी समूहों और सुरक्षा बलों के बीच झड़प हुई थी, वहां सड़कों पर बेरीकेड लगाकर घेराबंदी कर दी गई है।
राज्य से बाहर निकलने के प्रयास में इंफाल हवाई अड्डे पर छात्रों समेत बड़ी संख्या में लोग एकत्रित देखे गए। इस बीच, असम राइफल्स की एक टुकड़ी को इंफाल में सभी नगा छात्रों को रविवार को वापस कोहिमा ले जाने के लिए चुनिंदा जगहों से एकत्रित करने का निर्देश दिया गया है।
बुधवार रात भड़के दंगों के पीड़ितों के लिए स्थापित विभिन्न शरणार्थी शिविरों में रह रहे लोगों ने कहा कि कई गांवों में आग लगा दी गई है। राज्य में लगभग 10,000 सेना, अर्ध-सैन्य और केंद्रीय पुलिस बलों को तैनात किया गया है, जहां बहुसंख्यक मेइती समुदाय, अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने के कदम के खिलाफ बुधवार को कुकी और नागा सहित आदिवासियों द्वारा प्रदर्शन किए जाने के बाद दंगा भड़क गया था।
कुल आबादी में मेइती समुदाय करीब 53 प्रतिशत हैं और ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं। आदिवासियों में नगा और कुकी शामिल हैं और आबादी में इनकी संख्या करीब 40 प्रतिशत है और ज्यादातर पहाड़ी जिलों में रहते हैं। अधिकारियों ने बताया कि आधिकारिक मृतक संख्या 54 हैं।
जिनमें से 16 शव चुराचांदपुर जिला अस्पताल के मोर्चरी में रखे गए हैं। जबकि 15 शव इंफाल पूर्वी जिले के जवाहरलाल नेहरू आयुर्विज्ञान संस्थान में रखे गए हैं। अधिकारी ने कहा कि इंफाल पश्चिम जिले के लाम्फेल में क्षेत्रीय चिकित्सा आयुर्विज्ञान संस्थान ने 23 लोगों के मरने की सूचना दी है।
(इनपुट एजेंसी)