सीएपीएफ के खिलाफ ममता का गुस्सा तृणमूल की ‘आसन्न हार’ का सबूत : शाह

By भाषा | Published: April 9, 2021 05:31 PM2021-04-09T17:31:53+5:302021-04-09T17:31:53+5:30

Mamta's anger against CAPF is evidence of Trinamool's 'imminent defeat': Shah | सीएपीएफ के खिलाफ ममता का गुस्सा तृणमूल की ‘आसन्न हार’ का सबूत : शाह

सीएपीएफ के खिलाफ ममता का गुस्सा तृणमूल की ‘आसन्न हार’ का सबूत : शाह

कोलकाता, नौ अप्रैल पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि केंद्रीय बलों के खिलाफ उनका गुस्सा विधानसभा चुनावों में ‘‘आसन्न हार’’ को लेकर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की निराशा का सबूत है।

उन्होंने दावा किया कि पहले तीन चरणों के चुनाव में जहां भी मतदान हुआ है उनमें से भाजपा 63 से 68 सीटों पर जीत जाएगी। राज्य की 294 विधानसभा सीटों में से 91 पर तीन चरणों में मतदान हो चुका है।

शाह ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मैंने किसी मुख्यमंत्री या राजनीतिक दल के अध्यक्ष को ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करते कभी नहीं देखा जैसा कि ममता बनर्जी केंद्रीय बलों के खिलाफ कर रही हैं। क्या वह अराजकता पैदा करने की कोशिश कर रही हैं? क्या वह अव्यवस्था की स्थिति पैदा करना चाहती हैं?’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं चाहता हूं कि वह थोड़ी समझदारी दिखाएं। उन्हें पता होना चाहिए कि केंद्रीय बल चुनावों के दौरान गृह मंत्रालय के अधीन काम नहीं करते। उनकी कमान निर्वाचन आयोग के पास होती है।’’

शाह तृणमूल प्रमुख बनर्जी के उस दावे पर जवाब दे रहे थे जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों के जवान शाह और गृह मंत्रालय के कहने पर मतदाताओं को प्रताड़ित कर रहे हैं तथा डरा-धमका रहे हैं और उन्हें भाजपा के लिए वोट डालने को कह रहे हैं।

उन्होंने कहा कि बनर्जी की, अल्पसंख्यक वोटों के बंटवारे को रोकने के लिए की गई एकता की अपील यह दिखाती है कि अल्पसंख्यक मतदाता तृणमूल से दूर जा रहे हैं।

शाह ने कहा कि बंगाल के लोग ममता बनर्जी के घुसपैठ रोकने में नाकाम रहने, सीएए के खिलाफ प्रदर्शन करने और तुष्टीकरण की राजनीति से नाराज हैं।

चुनाव आयोग ने बृहस्पतिवार की रात को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री को नोटिस जारी किया। उन्हें राज्य में चुनावी ड्यूटी पर तैनात केंद्रीय सशस्त्र बलों के खिलाफ प्रथमदृष्ट्या ‘‘पूरी तरह गलत, उकसावे वाला बयान देने के लिए’’ नोटिस जारी किया गया है और कहा गया है कि उनके बयान से सुरक्षा बलों का मनोबल गिरा है।

वहीं तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने कहा कि वह तब तक सीआरपीएफ के हस्तक्षेप के बारे में बोलती रहेंगी जब तक कि ‘‘वह भाजपा के लिए काम करना नहीं बंद कर देता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं यह देखकर आश्चर्यचकित हूं कि किस तरह से राजनीतिक हित के कारण लोगों की प्राथमिकता बदल जाती है। पहले वह कहती थीं कि ज्यादा से ज्यादा केंद्रीय बलों को तैनात किया जाए। अब वह केंद्रीय बलों की तैनाती के खिलाफ हैं क्योंकि कड़ी सुरक्षा के कारण उनकी पार्टी चुनावों में धोखाधड़ी नहीं कर पा रही है। वह लोगों से केंद्रीय बलों का घेराव करने के लिए कह रही हैं।’’

शाह ने राज्य में लोकसभा और पंचायत चुनावों की तुलना में ज्यादा शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग की प्रशंसा की।

उन्होंने कहा, ‘‘बंगाल में पहले तीन चरणों में हिंसा अंतिम तीन चुनावों विधानसभा, पंचायत एवं लोकसभा चुनावों की तुलना में कम हुई है। मैं इसके लिए चुनाव आयोग को बधाई देना चाहता हूं। लेकिन कुछ घटनाएं हुई हैं। इसलिए यह सुनिश्चित किया जाना है कि हिंसा नहीं हो।’’

शाह ने कहा कि बनर्जी ने अल्पसंख्यक समुदाय से वोट बंटवारे के खिलाफ अपील की जो दिखाता है कि अल्पसंख्यक मतदाता तृणमूल से दूर जा रहे हैं।

गृह मंत्री ने कहा, ‘‘टीएमसी सरकार ने सीएए का विरोध किया है और एक प्रस्ताव पारित किया है। सत्ता में आने के बाद भाजपा सीएए के पक्ष में प्रस्ताव लाएगी। मैं सभी शरणार्थियों को आश्वस्त करता हूं कि उन्हें सीएए के तहत नागरिकता मिलेगी।’’

शाह ने दावा किया कि पहले तीन चरणों में भाजपा को पश्चिम बंगाल के लोगों का ‘‘अभूतपूर्व’’ समर्थन मिला है जिस कारण जिन 91 सीटों पर चुनाव हुआ है उनमें से 63 से 68 सीटों पर पार्टी जीतेगी।

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