ममता बनर्जी नंदीग्राम आंदोलन में भाजपा नेताओं की भूमिका भुला चुकी हैं : सोवन चटर्जी

By भाषा | Published: January 18, 2021 11:03 PM2021-01-18T23:03:00+5:302021-01-18T23:03:00+5:30

Mamta Banerjee has forgotten the role of BJP leaders in the Nandigram movement: Sowan Chatterjee | ममता बनर्जी नंदीग्राम आंदोलन में भाजपा नेताओं की भूमिका भुला चुकी हैं : सोवन चटर्जी

ममता बनर्जी नंदीग्राम आंदोलन में भाजपा नेताओं की भूमिका भुला चुकी हैं : सोवन चटर्जी

आमतला, 18 जनवरी भाजपा नेता सोवन चटर्जी ने सोमवार को कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उनकी पार्टी के नेताओं को बाहरी करार देकर ‘खतरनाक खेल’ खेल रही हैं क्योंकि यह विविधता में एकता के उत्कृष्ट उदाहरण इस देश के हित के लिए घातक है।

कभी बनर्जी के करीबी रहे चटर्जी ने दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस इस तथ्य को भूल गयी हैं कि शुभेंदु अधिकारी ने नंदीग्राम आंदोलन में अहम भूमिका निभायी थी और इसे (इस आंदोलन को) भगवा पार्टी के नेताओं--लालकृष्ण आडवाणी एवं राजनाथ सिंह ने भी समर्थन दिया था।

अधिकारी तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आ चुके हैं।

चटर्जी ने यहां डायमंड हार्बर विधानसभा क्षेत्र में जनसभा में कहा, ‘‘ आप बाहरी मुद्दे का सुर अलाप कर खतरनाक खेल खेल रही हैं। भारत में हर 50 किलोमीटर पर भाषा, बोली, रीति-रिवाज बदल जाते हैं। हमारा देश विविधता में एकता की मिसाल है। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘ तृणमूल कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व नंदीग्राम आंदोलन में भाजपा के दिग्गजों एल के आडवाणी, सुषमा स्वराज और राजनाथ सिंह द्वारा निभायी गयी भूमिका भूल गया है......।’’

उन्होंने स्मरण किया कि पिता शिशिर, बेटों शुभेंदु और दिब्येंदु अधिकारी समेत अधिकारी परिवार ने 2007 में नंदीग्राम आंदोलन में माकपा के खिलाफ कड़ी लड़ाई लड़ी थी और अब ममता बनर्जी उनके योगदान को भूला चुकी हैं।

चटर्जी ने कहा ‘‘जनता उन्हें (ममता को) विधानसभा चुनाव के बाद खाली हाथ लौटने के लिए मजबूर कर देगी।’’

इससे पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने राजनीतिक प्रतिद्वंदी और दिग्गज नेता शुभेंदु अधिकारी को चुनौती देते हुए सोमवार को ऐलान किया कि वह उनके गढ़ नंदीग्राम से आगामी विधानसभा चुनाव लड़ेंगी।

उसके तुरंत बाद भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने चुनौती स्वीकार कर ली और कहा कि वह चुनाव में उन्हें हरायेंगे, वरना राजनीति छोड़ देंगे। अधिकारी हाल ही में तृणमूल छोड़कर भाजपा में शामिल हो गये थे।

बनर्जी ने इस बड़ी घोषणा के लिए नंदीग्राम को चुना जो भाजपा से दो-दो हाथ करने के तृणमूल कांग्रेस प्रमुख के संकल्प का परिचायक है। भाजपा राज्य में एक दशक से राज कर रही तृणमूल को सत्ता से उखाड़ फेंकने की जी-तोड़ कोशिश में जुटी है।

पश्चिम बंगाल में अप्रैल मई में विधानसभा चुनाव होने हैं।

अधिकारी अक्सर बनर्जी पर आरोप लगाते हैं कि जिस क्षेत्र ने बनर्जी को सत्ता दिलाने में मदद पहुंचायी, उस क्षेत्र के लोगों को उन्होंने भुला दिया।

बनर्जी फिलहाल दक्षिण कोलकाता के भवानीपुर से विधायक हैं।

मुख्यमंत्री बनर्जी ने कहा, ‘‘ यदि संभव हुआ तो मैं भवानीपुर और नंदीग्राम दोनों जगहों से चुनाव लडूंगी। नंदीग्राम मेरी बड़ी बहन है और भवानीपुर मेरी छोटी बहन। यदि मैं भवानीपुर से चुनाव नहीं लड़ पायी तो मैं वहां से कोई और मजबूत उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारूंगी।’’

ममता के कैबिनेट में कभी मंत्री रह चुके भाजपा नेता चटर्जी ने दावा किया कि आत्मविश्वास की कमी की वजह से तृणमूल प्रमुख दो सीटों से चुनाव लड़ने के लिए मजबूर हैं।

उन्होंने दावा किया कि यह ममता वह नहीं हैं जिन्हें वह दस साल पहले जानते थे। उन्होंने कहा ‘‘उनका आत्मविश्वास खत्म हो चुका है और दो सीटों से चुनाव लड़ने का उनका फैसला इस बात का साफ संकेत देता है।

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Web Title: Mamta Banerjee has forgotten the role of BJP leaders in the Nandigram movement: Sowan Chatterjee

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