रिपोर्ट में दावा: ममता सरकार ने हायर एजुकेशन से ज्यादा बजट मदरसा शिक्षा और अल्पसंख्यक विभाग को दिया
By विकास कुमार | Published: February 13, 2019 06:39 PM2019-02-13T18:39:17+5:302019-02-13T18:51:13+5:30
2018-19 के बजट में मदरसा विकास और अल्पसंख्यक मंत्रालय को 3258 करोड़ रुपये दिया गया था जो इस साल 23 प्रतिशत बढ़कर 4016 करोड़ कर दिया गया है. 2018-19 में हायर एजुकेशन को 3,713 करोड़ दिया गया था जिसमें इस वर्ष 6 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है.
हाल के दिनों में केंद्र सरकार से आर-पार की लड़ाई लड़ने वाली ममता बनर्जी की सरकार के एक फैसले को लेकर विवाद गहराता जा रहा है. वित्त वर्ष 2019-20 के लिए जारी बंगाल सरकार के बजट में हायर एजुकेशन से ज्यादा मदरसा शिक्षा को बजट में तरजीह दिया गया है. जिसके बाद बीजेपी ने ममता बनर्जी पर मुस्लिम तुष्टीकरण के आरोप लगाया है.
'माय नेशन' की एक रिपोर्ट के मुताबिक ममता सरकार ने हायर एजुकेशन के लिए जहां 3,964 करोड़ का बजट दिया है वहीं मदरसों के विकास के लिए 4000 करोड़ का बजट दिया गया है. बजट में पीडब्लुडी के लिए मात्र 5,336 करोड़ का बजट दिया गया है. ममता सरकार पर यह आरोप पहली बार नहीं लग रहे हैं. 2017-18 में ममता सरकार ने सूक्ष्म एवं लघु उद्योग और पर्यटन मंत्रालय से ज्यादा बजट अल्पसंख्यक मंत्रालय को दिया गया था जिसमें मदरसा शिक्षा भी शामिल है.
ममता बनर्जी पर बीजेपी का निशाना
2018-19 के बजट में मदरसा विकास और अल्पसंख्यक मंत्रालय को 3258 करोड़ रुपये दिया गया था जो इस साल 23 प्रतिशत बढ़कर 4016 करोड़ कर दिया गया है. 2018-19 में हायर एजुकेशन को 3,713 करोड़ दिया गया था जिसमें इस वर्ष 6 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है.
ममता और शाह का तकरार
केंद्र की मोदी सरकार और ममता बनर्जी के बीच हाल ही में शारदा चिटफंड घोटाले में कोलकाता के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार से पूछताछ को लेकर सीधी तकरार देखी गई थी. जिसके बाद ममता धरने पर बैठ गई थी. लोकसभा चुनाव से पहले ममता सरकार द्वारा मदरसों को दिया गया बजट अपने वोटबैंक को साधने का ही प्रयास लग रहा है. बंगाल में मुस्लिम समुदाय पिछले एक दशक से ममता बनर्जी के ही साथ है.
पिछले दिनों बंगाल में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने मिशन 23 लांच किया है. इसके तहत बीजेपी के हिंदूवादी नेताओं की रैलियां लगातार जारी हैं. इस बीच ममता बनर्जी ने भी अपने वोटबैंक को एकजुट करना शुरू कर दिया है.