मोदी, शाह से मुलाकात: क्या मामता ने अपना रूख नरम किया?

By भाषा | Published: September 20, 2019 05:35 AM2019-09-20T05:35:25+5:302019-09-20T05:35:25+5:30

मोदी के दोबारा प्रधानमंत्री बनने के बाद बनर्जी की उनसे यह पहली मुलाकात थी। उन्होंने मोदी के शपथ ग्रहण समारोह और जून में नीति आयोग की बैठक में शिरकत नहीं की थी। उनकी मोदी से मुलाकात मई 2018 में हुई थी।

Mamata's meeting with PM Modi, Amit Shah leads to speculation if she has softened her stand | मोदी, शाह से मुलाकात: क्या मामता ने अपना रूख नरम किया?

ममता बनर्जी ने केंद्र की प्रतिनियुक्ति पर आए हुए पश्चिम बंगाल काडर के अधिकारियों से भी मुलाकात की।

Highlightsभाजपा के महासचिव और पार्टी के पश्चिम बंगाल मामलों के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने कहा था कि बनर्जी की मोदी से मुलाकात कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार को बचाने की आखिरी कोशिश है।बनर्जी की दिल्ली यात्रा ऐसे वक्त हुयी है जब सीबीआई सारदा घोटाले के सिलसिले में कुमार की तलाश में जुटी हुई है। कुमार बनर्जी के करीबी माने जाते हैं।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से उनकी मुलाकात राजनीतिक नहीं है। इन मुलाकातों से कयास लगाए रहे हैं कि क्या नरेंद्र मोदी और अमित शाह की मुखर आलोचक रहीं बनर्जी के रूख में नरमी आ गयी है। 

भाजपा के महासचिव और पार्टी के पश्चिम बंगाल मामलों के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने ट्विटर पर कहा, ‘‘अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे।’’ इसी ट्वीट के साथ उन्होंने मोदी और शाह से बनर्जी की मुलाकात की दो तस्वीरें भी पोस्ट की हैं और लिखा है कि मोदी और शाह से बनर्जी की मुलाकात को क्या इस अर्थ में लिया जाए? 

कुछ दिन पहले, विजयवर्गीय ने कहा था कि बनर्जी की मोदी से मुलाकात कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार को बचाने की आखिरी कोशिश है। बनर्जी की दिल्ली यात्रा ऐसे वक्त हुयी है जब सीबीआई सारदा घोटाले के सिलसिले में कुमार की तलाश में जुटी हुई है। कुमार बनर्जी के करीबी माने जाते हैं।

ममता ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से मुलाकात एक संवैधानिक दायित्व है। इसके अलावा हमारे पास बांग्लादेश और भूटान के साथ लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा को लेकर मुद्दे हैं तथा बिहार और झारखंड के साथ राज्य की लगती सीमा को लेकर भी मुद्दे हैं। पूर्वोत्तर के राज्यों को शेष देश से जोड़ने वाले संकरे गलियारे का संवेदनशील मुद्दा भी है। इसलिए, उस परिप्रेक्ष्य में गृह मंत्री के साथ बैठक आवश्यक है।’’ 

बुधवार को बनर्जी ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी। मोदी के दोबारा प्रधानमंत्री बनने के बाद बनर्जी की उनसे यह पहली मुलाकात थी। उन्होंने मोदी के शपथ ग्रहण समारोह और जून में नीति आयोग की बैठक में शिरकत नहीं की थी। उनकी मोदी से मुलाकात मई 2018 में हुई थी। बनर्जी ने बृहस्पतिवार को कहा, ‘‘यह सरकार की सरकार से मुलाकात की थी, जिसमें कुछ भी राजनीतिक नहीं था।’’ 

उन्होंने पत्रकारों के राजनीतिक सवाल लेने से इनकार कर दिया लेकिन दुर्गा पूजा और नवरात्रों के बाद वापस आने का वादा किया। बनर्जी ने बृहस्पतिवार को शाह से मिलने के अलावा, कांग्रेस नेता अहमद पटेल से भी मुलाकात की। शाम में, दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने साउथ एवन्यू स्थित बनर्जी के आवास पर उनसे मुलाकात की। यह बैठक करीब 45 मिनट तक चली। 

बनर्जी ने केंद्र की प्रतिनियुक्ति पर आए हुए पश्चिम बंगाल काडर के अधिकारियों से भी मुलाकात की। इसके अलावा वह भारत में अमेरिकी राजदूत केनेथ जस्टर से भी मिली जिनके साथ उन्होंने बंगाल में निवेश के मौकों पर चर्चा की। सूत्रों ने बताया कि वह कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी से भेंट नहीं कर सकीं, क्योंकि गांधी महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर व्यस्त थी। बनर्जी शुक्रवार दोपहर को बंगाल लौट जाएंगी।

Web Title: Mamata's meeting with PM Modi, Amit Shah leads to speculation if she has softened her stand

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