ममता बनर्जी ने फेसबुक-टि्वटर पर डीपी बदलकर लिखा, 'जय हिंद, जय बांग्ला'

By सतीश कुमार सिंह | Published: June 3, 2019 01:20 PM2019-06-03T13:20:21+5:302019-06-03T13:20:21+5:30

तमाम नेताओं की डीपी में अब 'जय हिंद, जंय बांग्ला' नजर आ रहा है। डीपी में महात्मा गांधी, क्रांतिकारी नेता नेताजी सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह, मातंगिनी हाजरा, नोबेल पुरस्कार विजेता कवि रवींद्रनाथ टैगोर, और कवि काजी नजरूल इस्लाम, 19वीं सदी के बंगाल के पुनर्जागरण के अगुआ ईश्वर चंद्र विद्यासागर, राजा राम मोहन राय, स्वामी विवेकानंद और बी. आर. अम्बेडकर की तस्वीर लगाई गई है।

Mamata Banerjee Updates Facebook, Twitter Profile Pic Amid Slogan Row | ममता बनर्जी ने फेसबुक-टि्वटर पर डीपी बदलकर लिखा, 'जय हिंद, जय बांग्ला'

हर राजनीतिक दल का अपना नारा है। मेरी पार्टी का ‘जय हिंद, वंदे मातरम’ नारा है। वाम का ‘इंकलाब जिंदाबाद’ नारा है। अन्यों के भी अलग-अलग नारे हैं।

Highlights‘जय श्री राम’ के नारे से भाजपा धर्म और राजनीति को मिला रही है : ममतातृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी कहा कि नफरत की विचारधारा के प्रचार-प्रसार का प्रयास किया जा रहा है, जिसका विरोध किया जाना चाहिए।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को आरोप लगाया कि भाजपा बार-बार ‘जय श्री राम’ का इस्तेमाल कर धर्म को राजनीति में मिला रही है।

पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी के बीच तकरार बढ़ती जा रही है। लोकसभा चुनावों के दौरान हिंसा और अब के 'जय श्री राम' का नारा लगाने पर भड़कीं मुख्यमत्री ममता बनर्जी और टीएमसी नेताओं ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे ट्विटर और फेसबुक पर अपनी डिस्पले पिक्चर (डीपी) बदल दी है। 


तमाम नेताओं की डीपी में अब 'जय हिंद, जंय बांग्ला' नजर आ रहा है। डीपी में 'जय हिंद, जंय बांग्ला' नारे के साथ देश के कई महापुरुषों की तस्वीर भी लगाई गई है। डीपी में महात्मा गांधी, क्रांतिकारी नेता नेताजी सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह, मातंगिनी हाजरा, नोबेल पुरस्कार विजेता कवि रवींद्रनाथ टैगोर, और कवि काजी नजरूल इस्लाम, 19वीं सदी के बंगाल के पुनर्जागरण के अगुआ ईश्वर चंद्र विद्यासागर, राजा राम मोहन राय, धार्मिक और सामाजिक विचारक स्वामी विवेकानंद और भारतीय संविधान के जनक बी. आर. अम्बेडकर की तस्वीर लगाई गई है।

तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी कहा कि नफरत की विचारधारा के प्रचार-प्रसार का प्रयास किया जा रहा है, जिसका विरोध किया जाना चाहिए। उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट में कहा, “जय सिया राम, जय रामजी की, राम नाम सत्य है आदि के धार्मिक और सामाजिक निहितार्थ हैं। लेकिन भाजपा धार्मिक नारे जय श्री राम को अपनी पार्टी के नारे के तौर पर गलत तरीके से इस्तेमाल कर धर्म को राजनीति से मिला रही है।” उन्होंने कहा कि उन्हें किसी खास नारे के किसी रैली या पार्टी के कार्यक्रम में इस्तेमाल किये जाने पर कोई आपत्ति नहीं है।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मुझे किसी राजनीतिक दलों की रैलियों और उनके पार्टी के उद्देश्य में कोई खास नारे से कोई दिक्कत नहीं है। हर राजनीतिक दल का अपना नारा है। मेरी पार्टी का ‘जय हिंद, वंदे मातरम’ नारा है। वाम का ‘इंकलाब जिंदाबाद’ नारा है। अन्यों के भी अलग-अलग नारे हैं। हम एक-दूसरे का सम्मान करते हैं’’ बनर्जी ने कहा, “हम दूसरों पर...इस धार्मिक नारे के जबरन प्रवर्तन का सम्मान नहीं करते।” पश्चिम बंगाल के 24 परगना जिले में बृहस्पतिवार को ममता बनर्जी ने ‘जय श्री राम’ के नारे लगा रहे कुछ लोगों से नाराजगी जताई थी।

ऐसी एक घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर चल रहा है। बनर्जी ने पोस्ट में लिखा, “हिंसा और तोड़फोड़ के जरिये नफरत की विचारधारा को जानबूझ कर बेचने का प्रयास किया जा रहा है जिसका निश्चित रूप से विरोध किया जाना चाहिए।”

उन्होंने कहा, ‘‘राम मोहन राय से विद्यासागर और अन्य महान समाज सुधारकों तक बंगाल सौहार्द्र, प्रगति और प्रगतिशील विचारधारा का स्थान रहा है लेकिन अब भाजपा की भ्रम फैलाने की रणनीति बंगाल को नकारात्मक तरीके से निशाना बना रही है।’’

उन्होंने कहा कि यह समय राजनीतिक कार्यकर्ताओं को देश में अशांति फैलाने से रोकने के लिए कदम उठाने का है। इस बीच, बनर्जी का जिक्र करते हुए भाजपा नेता मुकुल रॉय ने कहा कि लोकसभा चुनावों के नतीजों के बाद टीएमसी प्रमुख अपना मानसिक संतुलन खो रही हैं। 

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