वीडियो: BJP कार्यालय में तोड़फोड़, पार्टी बोली- ममता के गुंडा राज बंगाल में कोई भी सुरक्षित नहीं
By पल्लवी कुमारी | Published: February 4, 2019 06:33 PM2019-02-04T18:33:15+5:302019-02-04T18:33:15+5:30
बीजेपी का आरोप है कि कोलकाता पुलिस प्रमुख के कब्जे से मौजूद चिटफंड साक्ष्यों को सीबीआई के हाथों में जाने से रोकने के लिए सीबीआई अधिकारियों को उनकी ड्यूटी करने से रोका गया है।
एक ओर जहां सीबीआई बनाम ममता बनर्जी और नरेन्द्र मोदी सरकार के बीच का संघर्ष बढ़ता ही जा रहा है। इसी बीच कोलकता के भवानीपुर में बीजेपी के दफ्तर में तोड़फोड़ की गई है। बंगाल बीजेपी ने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो शेयर की है। इस वीडियो में बीजेपी ऑफिस में तोड़फोड़ के बाद फर्नीचर इत्यादि के टूटे-फूटे होने का दृश्य देखा जा सकता है।
वीडियो शेयर कर बीजेपी ने ट्विटर पर लिखा, 'साउथ कोलकाता के भवानीपुर में बीजेपी ऑफिस में ममता बनर्जी के 'गुंडों' ने तोड़फोड़ की है।' बीजेपी ने आरोप लगाया है कि ये काम टीएमसी का है। भवानीपुर ममता बनर्जी का चुनाव क्षेत्र है। बीजेपी ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए लिखा है कि प्रदेश में लॉ ऐंड ऑर्डर ध्वस्त हो चुका है। टीएमसी शासन के अंतर्गत कोई भी सुरक्षित नहीं है। यहां कभी भी कुछ भी हो सकता है।
.@mamataofficial’s goons have vandalised the BJP party office in Bhawanipore, South Kolkata. Mamata represents the Bhawanipore constituency.
— BJP Bengal (@BJP4Bengal) February 4, 2019
Law and order has completely collapsed! No one is safe under TMC. #MamataFreeBengalpic.twitter.com/v28er7Sb80
क्यों धरने पर बैंठी ममता बनर्जी
घोटालों के संबंध में कोलकाता पुलिस प्रमुख से पूछताछ करने की सीबीआई की कोशिश के खिलाफ ममता बनर्जी रविवार रात से धरने पर बैठी हैं। तृणमूल कांग्रेस प्रमुख का कहना है कि सीबीआई का कदम "संविधान और संघवाद" की भावना पर हमला है। सीबीआई ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। जिसपर सुनवाई पांच फरवरी को होने वाली है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने रविवार को कहा कि वह सोमवार को बजट पेश होने के दौरान विधानसभा नहीं जाएंगी। उन्होंने राज्य में बन रही स्थिति को 'आपातकाल' करार दिया था।
बीजेपी का आरोप है कि कोलकाता पुलिस प्रमुख के कब्जे से मौजूद चिटफंड साक्ष्यों को सीबीआई के हाथों में जाने से रोकने के लिए सीबीआई अधिकारियों को उनकी ड्यूटी करने से रोका गया है। उन्होंने आश्चर्य जताया कि आईपीएस अधिकारी सादे कपड़ों में मुख्यमंत्री के साथ राजनीतिक धरने पर कैसे बैठ सकते हैं। पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक वीरेंद्र, राज्य सुरक्षा सलाहकार सुरजीत कार पुरकायस्थ और कुमार रविवार रात को धरना स्थल पर कुछ समय के लिए ममता के साथ थे।
क्या है शारदा चिटफंड घोटाला?
सबसे पहले तीन हजार करोड़ का ये घोटाला 2013 में सामने आया था जिसमें कथित तौर पर पश्चिम बंगाल की चिटफंड कंपनी शारदा ग्रुप ने आम लोगों के ठगने का आरोप लगा था। शारदा ग्रुप पर आरोप लगा था कि इनकी ओर से 34 गुना रकम करने का वादा किया गया था और लोगों से पैसे ठग लिए।
घोटाले के सामने आने के बाद एजेंटों से निवेशकों ने पैसे मांगने शुरू किए तो कई एजेंटों ने जान तक दे दी थी। इस घोटाले को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार पर सवाल उठे थे।इसके बाद साल 2014 इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को जांच का आदेश दिया था।इसके साथ ही कोर्ट ने पश्चिम बंगाल, ओडिशा और असम की पुलिस को भी सीबीआई के जांच में सहयोग करने का आदेश दिया था।