ममता बनर्जी का बीजेपी पर निशाना, 'पश्चिम बंगाल में आना है तो हिंदी नहीं बांग्ला बोलना जरूरी'
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 14, 2019 03:33 PM2019-06-14T15:33:19+5:302019-06-14T15:33:19+5:30
लोकसभा चुनाव-2019 के शुरुआत से ही पश्चिम बंगाल में हिंसा और राजनीति गरमाई हुई है। पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी( बीजेपी) के समर्थकों के बीच आये दिए हिंसा की खबरें सामने आ रही है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने कहा है कि वो बांग्ला संस्कृति को आगे बढ़ाना चाहती हैं। विपक्षियों पर निशाना साधते हुए ममता बनर्जी ने कहा है,' जब कोई भी विरोधी दल का नेता पश्चिम बंगाल में आता है तो हिंदी क्यों बोलता है? उन्हें भी बांग्ला ही बोलना चाहिए।' ममता बनर्जी ने शुक्रवार(14 जून) को नॉर्थ 24 परगना में एक जनसभा को संबोधित करते हुए ये बयान दिया।
लोकसभा चुनाव-2019 के शुरुआत से ही पश्चिम बंगाल में हिंसा और राजनीति गरमाई हुई है। पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी( बीजेपी) के समर्थकों के बीच आये दिए हिंसा की खबरें सामने आ रही है। ऐसे में हिंदी बोलने को लेकर ममता बनर्जी का ये निशाना बीजेपी का हो सकता है।
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, ''ममता बनर्जी ने कहा है, हमें बांग्ला संस्कृति को आगे बढ़ाना होगा। जब मैं बिहार, उत्तर प्रदेश और पंजाब या अन्य किसी क्षेत्र में जाती हूं तो उनकी भाषा के अनुसार बोलती हूं। लेकिन जब कोई विरोधी दल का नेता पश्चिम बंगाल में आता है तो उसको भी बांग्ला ही बोलना चाहिए। लेकिन ऐसा होता नहीं है।''
West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee: We have to bring Bangla forward. When I go to Bihar, UP, Pujnab, I speak in their language, if you are in Bengal you have to speak Bangla. I will not tolerate criminals who stay in Bengal and roam around on bikes. pic.twitter.com/rs6FSBzCst
— ANI (@ANI) June 14, 2019
ममता बनर्जी ने कहा, अगर आप पश्चिम बंगाल में हैं तो बांग्ला ही बोलिए। उन्होंने यह भी कहा है कि वह पश्चिम बंगाल में बाइक से घूमने वाले गुंडों को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगी। वह पश्चिम बंगाल में किसी भी तरह की गुंडा राजनीति को बर्दाश्त नहीं करेंगी।
चार दिनों से जारी है जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल
पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल चौथे दिन भी जारी है। हड़ताल के कारण सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों तथा कई निजी अस्पतालों में नियमित सेवा प्रभावित हो रही है। हालांकि, यहां नील रतन सरकार (एनआरएस) मेडिकल कॉलेज और अस्पताल सहित एक या दो अस्पतालों में आपात सेवा शुक्रवार सुबह में उपलब्ध रही। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा फिर से सेवा शुरू नहीं करने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दिये जाने के बावजूद जूनियर डॉक्टरों ने अपनी हड़ताल जारी रखी है।