तबरेज अंसारी हत्याकांड: मालेगांव में लाखों मुस्लिमों ने एंटी मॉब लिंचिंग कानून के लिए किया विरोध प्रदर्शन
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 2, 2019 08:30 AM2019-07-02T08:30:31+5:302019-07-02T08:30:31+5:30
जमशेदपुर के निकट धतकीडीह में तबरेज अंसारी को भीड़ ने इतना पीटा कि युवक कोमा की हालत में पहुंच गया और अंत में दम तोड़ दिया।
सोमवार मालेगांव स्थित 'शहीदों की यादगार' (शहीदों का स्मारक) इस बात का गवाह बना जहां मुस्लिम समुदाय के कम से कम 1 लाख लोग इकट्ठे हुए थे। ये लाखों की भीड़ उस ऐतिहासिक जगह पर मॉब लिचिंग के खिलाफ कानून बनाने की मांग के लिए एकत्रित हुयी।
मालेगांव स्थित यह वही ऐतिहासिक जगह है जहां अंग्रेजों ने 97 साल पहले 7 स्वतंत्रता सेनानियों (फ्रीडम फाइटर) को फांसी पर लटका दिया था। मॉब लिंचिंग के विरोध में होने वाली इस रैली को समुदाय ने पहली रैली बताया। इसके आयोजकों का कहना है कि झारखंड में हुई तबरेज अंसारी की हत्या काफी भयावह है।
रैली के दौरान लोगों ने कहा कि हम बदला नहीं चाहते हैं और हम हिंसा में विश्र्वास नहीं करते हैं। हम कानून के शासन में विश्र्वास करते हैं। इस रैली के दौरान कवि फैयाज के शब्दों को बोला गया कि -"आज अगर निशाने में हम हैं, तो दूसरे लोगों को खुश नहीं होना चाहिए।"
आपको बता दें कि जमशेदपुर के निकट धतकीडीह में तबरेज अंसारी को भीड़ ने इतना पीटा कि युवक कोमा की हालत में पहुंच गया और अंत में दम तोड़ दिया। मृतक तबरेज की पत्नी ने बताया कि 17 जून की रात उसका शौहर तबरेज अंसारी (24) जमशेदपुर से गांव वापस लौट रहे थे, तभी धातकीडीह गांव में कुछ लोगों ने उन्हें घेर लिया।
चोरी का आरोप लगाकर रातभर उन्हें बिजली के पोल से बांध कर रखा। उससे बहुत मारपीट की गई और जय श्री राम व जय हनुमान बोलने के लिए कहा। नारा लगाने पर भी भीड़ उन्हें पीटती रही। रात भर खंभे से बांधकर पीटा और सुबह होने पर उन्हें सरायकेला थाने की पुलिस को सौंप दिया। जहां उनकी मौत हो गई।