मारे गए आतंकी वानी के समर्थन में उतरे महबूबा-ओवैसी, बताया- अनवरत हिंसा का पीड़ित
By भाषा | Published: October 16, 2018 04:46 AM2018-10-16T04:46:29+5:302018-10-16T04:46:29+5:30
पूर्व जम्मू कश्मीर मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘युवाओं के सामने कोई राह नहीं छोड़ने का उल्टा असर होगा। छात्रों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लेने के लिए केंद्र को हस्तक्षेप करना चाहिए और ए एम यू के अधिकारियों को उनका निलंबन निरस्त करना चाहिए।’’
जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादी मन्नान बशीर वानी को ‘‘कश्मीर में जारी अनवरत हिंसा का पीड़ित’’ करार दिया। पीडीपी अध्यक्ष ने यह बात घाटी से ताल्लुक रखने वाले अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (ए एम यू) के तीन छात्रों के खिलाफ दर्ज मामला वापस लिए जाने की मांग करते हुए कही।
महबूबा ने सोमवार को एक ट्वीट में कहा, ‘‘उन्हें (छात्रों) कश्मीर में अनवरत हिंसा के पीड़ित अपने पूर्व सहपाठी (वानी) को याद करने पर दंडित करना विडंबना होगी।’’ वानी (27) ए एम यू से पी एच डी कर रहा था, लेकिन इस साल जनवरी में वह विश्वविद्यालय छोड़कर आतंकवादी बन गया था।
तीन कश्मीरी छात्रों ने सुरक्षाबलों के साथ उत्तरी कश्मीर के हंदवाड़ा में सुरक्षाबलों के साथ हुई मुठभेड़ में मारे गए हिज्बुल कमांडर के लिए शुक्रवार को विश्वविद्यालय परिसर में कथित तौर पर जनाजे की नमाज पढ़ने की कोशिश की थी और कथित तौर पर भारत विरोधी नारे भी लगाए थे। इसके बाद इनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
महबूबा ने केंद्र से मामले में हस्तक्षेप करने को कहा
पूर्व मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘युवाओं के सामने कोई राह नहीं छोड़ने का उल्टा असर होगा। छात्रों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लेने के लिए केंद्र को हस्तक्षेप करना चाहिए और ए एम यू के अधिकारियों को उनका निलंबन निरस्त करना चाहिए।’’
महबूबा ने कहा कि जम्मू कश्मीर से बाहर की सरकारों को स्थिति के प्रति ‘‘संवेदनशील’’ होना चाहिए तथा ‘‘आगे और अलगाव पैदा होने को रोकना चाहिए।’’
विश्वविद्यालय में अध्ययन कर रहे जम्मू कश्मीर के 1,200 से अधिक छात्रों ने धमकी दी है कि यदि तीनों छात्रों के खिलाफ दर्ज देशद्रोह का मामला वापस नहीं लिया जाता और उनका निलंबन निरस्त नहीं किया जाता तो वे सर सैयद दिवस पर 17 अक्टूबर को विश्वविद्यालय छोड़कर अपने घर चले जाएंगे। उन्होंने अपनी डिग्रियां वापस करने की भी धमकी दी।
ए एम यू में पढ़ रहे जम्मू कश्मीर के छात्रों ने विश्वविद्यालय के प्रोक्टर को लिखे पत्र में कहा कि कोई भी नमाज ए जनाजा या संबंधित गतिविधि नहीं हुई और ए एम यू प्रोक्टर के निर्देशों का पालन किया गया।
ओवैसी चाहते हैं कि राजनाथ सुलझाएं एएमयू कश्मीरी छात्रों के विरोध का मामला
एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदउद्दीन ओवैसी ने सोमवार को कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में तीन कश्मीरी छात्रों के खिलाफ देशद्रोह के आरोपों को लेकर चल रहा विवाद केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह और विश्वविद्यालय के अधिकारियों के हस्तक्षेप से सुलझना चाहिए।
उन्होंने कहा कि कश्मीरी छात्रों को एएमयू में अपनी पढ़ाई पूरी करनी चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि यह राष्ट्र एवं कश्मीर के हित में है कि छात्र अपनी शिक्षा पूरी करें और अकादमिक क्षेत्र में बेहतर साबित हों।
ओवैसी ने यहां संवाददाताओं से कहा, “मुझे उम्मीद है कि एएमयू के कुलपति और संकाय एवं गृहमंत्री और गृह मंत्रालय में कश्मीर का मुद्दा देखने वाले संयुक्त सचिव बैठेंगे और इस मुद्दे का हल निकालेंगे।” हैदराबाद से सांसद ने भरोसा जताया कि सभी संबंधित पक्ष अगर छात्रों से बात करें तो यह मामला सुलझ सकता है।
विश्वविद्यालय में पढ़ रहे कश्मीरी छात्रों ने अपने तीन साथियों पर लगाए गए देशद्रोह के आरोपों एवं स्थानीय अधिकारियों द्वारा कथित उत्पीड़न के खिलाफ सोमवार को परिसर में विरोध मार्च निकाला।
विरोध कर रहे छात्रों ने एक ज्ञापन में कहा कि अगर ये आरोप वापस नहीं लिए गए तो 1,200 कश्मीरी छात्र 17 अक्टूबर को विश्वविद्यालय परिसर छोड़ देंगे।