जब महात्मा गांधी ने ब्रह्मचर्य को लेकर किया था विवादास्पद प्रयोग!
By विकास कुमार | Published: January 30, 2019 04:25 PM2019-01-30T16:25:41+5:302019-01-30T16:25:41+5:30
महात्मा गांधी ने जब अपने सहयोगियों को इस 'प्रयोग' के बारे में बताया तो उन्हें बहुत विरोध का सामना करना पड़ा. उन्होंने गांधी को चेतावनी दी कि यह उनकी प्रतिष्ठा को मिट्टी में मिला देगा और उन्हें इस प्रयोग को छोड़ देना चाहिए.
आज राष्ट्र पिता महात्मा गांधी की बरसी है. पूरे देश में उन्हें श्रधांजलि दी जा रही है. महात्मा गांधी को देश की आजादी के साथ-साथ भारत में सामजिक क्रांति के लिए भी याद किया जाता है. गांधी जी ने अहिंसा को हथियार बनाते हुए अंग्रेजों को घुटने टेकने पर मजबूर किया लेकिन आज हम आपको बताएंगे कि गांधी जी का जीवन को जीने को लेकर क्या विचार थे. ब्रह्मचर्य को किस तरह देखते थे और महिलाओं के बारे में उनके क्या विचार थे.
आध्यात्म में रूचि
महात्मा गांधी की 13 साल की उम्र में शादी हो गई थी और उन्होंने 38 वर्ष की आयु में ब्रह्मचर्य की शपथ ली थी. इसके लिए वो जैन गुरु रेचंदभाई और रूस के लेखक लियो टॉल्सटॉय से प्रेरित हुए जिन्होंने अपने जीवन में ब्रह्मचर्य अपनाया था. गांधी ने अपनी आत्मकथा में यह लिखा है कि जब उनके पिता की मृत्यु हो रही थी तब वो अपनी पत्नी के पास जाने के लिए व्यग्र थे. और इस बात से वो बहुत खिन्न हुए. गांधी अपनी आत्मकथा में लिखते हैं कि उन्होंने 38 साल की उम्र के बाद अपनी पत्नी से अध्यात्मिक संबंध स्थापित किए.
महात्मा गांधी का ब्रह्मचर्य प्रयोग
सालों बाद, जब भारत की आज़ादी की पूर्व संध्या पर बंगाल के नोआखली ज़िले में हिंदू-मुस्लिम दंगे हुए तो गांधी ने एक विवादास्पद प्रयोग किया. उन्होंने अपनी नातिन और सहयोगी मनु गांधी को अपने साथ बिस्तर में सोने के लिए कहा.
जब उन्होंने अपने सहयोगियों को इस 'प्रयोग' के बारे में बताया तो उन्हें बहुत विरोध का सामना करना पड़ा. उन्होंने गांधी को चेतावनी दी कि यह उनकी प्रतिष्ठा को मिट्टी में मिला देगा और उन्हें इस प्रयोग को छोड़ देना चाहिए. उनके एक सहयोगी ने कहा कि यह 'आश्चर्यचकित करने वाला और नहीं बदला जा सकने वाला' दोनों ही है. एक अन्य सहयोगी ने इसके विरोध में गांधी के साथ काम करना छोड़ दिया.
महात्मा गांधी और महिला सम्मान
महिलाओं के लिए गांधी के दिल में बहुत सम्मान था. बापू भारतीय महिलाओं के वेस्टर्न फैशन की आलोचना करते थे. उनके अनुसार उन्हें अपने बालों को पश्चिमी लुक देने के बजाए उन्हें अपने स्वस्थ्य पर ध्यान देना चाहिए. वहीं मुस्लिम महिलाओं के बुर्का प्रथा का भी विरोध करते थे. महात्मा गांधी के मुताबिक, इससे उन्हें स्वास्थय सम्बन्धी समस्याओं के साथ-साथ मानसिक रूप से भी प्रताड़ित करने जैसा है.