महाराष्ट्र: मुश्किल होगा किसानों को कर्जमाफी देना! अधिकारियों की बात सुनकर हैरत में पड़ी ठाकरे सरकार
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: December 5, 2019 08:15 AM2019-12-05T08:15:24+5:302019-12-05T08:15:24+5:30
दरअसल सहकारिता विभाग ने ठाकरे सरकार को बताया है कि आम कर्जमाफी के लिए अंदाजन 60 हजार करोड़ रु. की जरूरत पड़ेगी. इस अनुमान के बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे हैरत में पड़ गए हैं.
प्रमोद गवली
विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान महा विकास आघाड़ी के दो मुख्य घटकों शिवसेना और एनसीपी ने किसानों को आम कर्जमाफी देने का आश्वासन दिया था. लेकिन, उसे पूरा करना अब मुश्किल दिखाई दे रहा है. दरअसल सहकारिता विभाग ने ठाकरे सरकार को बताया है कि आम कर्जमाफी के लिए अंदाजन 60 हजार करोड़ रुपये की जरूरत पड़ेगी. इस अनुमान के बाद मुख्यमंत्री हैरत में पड़ गए कि फड़नवीस सरकार ने वर्ष 2017 में जिस छत्रपति शिवाजी महाराज किसान सम्मान (कर्जमाफी) योजना की घोषणा की थी, उसका असर क्यों दिखाई नहीं दे रहा?
उन्हें यह भी बताया गया कि पिछली सरकार ने जितनी राशि की कर्जमाफी योजना घोषित की थी उतना पैसा खर्च हुआ ही नहीं है. बताया जाता है कि करीब 15 हजार करोड़ रुपये बाकी है. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शपथ ग्रहण करने के बाद तेजी से फैसले करने का सिलसिला शुरू कर दिया है.
माना जा रहा था कि आरंभिक आठ-दस दिनों में ही वे किसानों के लिए बड़ी घोषणा कर सकते हैं, लेकिन आम कर्जमाफी के लिए राज्य का खजाना इसके लिए अनुमति नहीं दे रहा है.
मंत्रियों और अधिकारियों के साथ हुई बैठकों में यह साफ हो गया है कि जोश-जोश में किया गया वादा महंगा पड़ सकता है. इसके बावजूद ठाकरे अपना वादा पूरा करना चाहते हैं. इसमें कोई संदेह नहीं कि उनका इरादा नेक है.
इस कारण उन्होंने सहकारिता और कृषि विभाग को आदेश दिया है कि वे किसानों के कर्ज की वास्तविक आंकड़ें मुहैया कराएं. मसलन कितने किसान कर्जमाफी से वंचित रहे और कर्जमाफी के लिए अब कितनी राशि की जरूरत पड़ेगी? अधिकारियों ने ठाकरे को यह भी बताया कि फिलहाल कर्जमाफी के लिए बैंकों में ढाई हजार करोड़ रुपये शेष है.
कर्जफामी योजना की हकीकत काफी सोच-विचार के बाद वर्ष 2017 के जून माह में फड़नवीस ने किसानों के लिए कर्जमाफी योजना की घोषणा की थी. इसका क्रियान्वयन करने के लिए चार महीनों से ज्यादा का समय लगा था. मूलत: यह योजना करीब 34 हजार करोड़ रु. की थी. इसमें उन किसानों को कर्ज माफी दी जानी थी, जिन्होंने डेढ़ लाख रु. तक कर्ज लिया था.
योजना के तहत 89 लाख खाताधारी किसानों को लाभ दिया जाना अनुमानित किया गया था. मगर चालू वर्ष के सितंबर माह तक 45 लाख किसानों को ही कर्जमाफी दी जा सकी थी. इसमें 19 हजार करोड़ रु. से ज्यादा की राशि व्यय की जा चुकी है. इस प्रकार 15 हजार करोड़ रु. इस योजना के अब भी बाकी है. कुल जमा यह कि फडणवीस सरकार का फायदा किसानों को प्रभावी रूप से नहीं हो पाया.