महाराष्ट्र: विद्यालयों में देवी सरस्वती की मूर्ति का विरोध, एनसीपी नेता भुजबल ने उठाये सवाल, फड़नवीस ने किया हमला
By भाषा | Published: September 28, 2022 08:21 PM2022-09-28T20:21:28+5:302022-09-28T20:23:55+5:30
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने कहा था कि विद्यालयों में सावित्री फुले, ज्योतिबा फुले, शाहू महाराज, भाऊराव पाटिल और भीमराव आंबेडकर की मूर्तियां लगाई जानी चाहिए।
मुंबईः राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने महाराष्ट्र के विद्यालयों में देवी सरस्वती की मूर्ति की उपस्थिति पर सरकार से सवाल किये। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने इस मामले पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, चूंकि सरस्वती ज्ञान की देवी हैं तो मूर्तियां नहीं हटाई जाएंगी।
इस सप्ताह की शुरुआत में मुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान भुजबल ने कहा था कि विद्यालयों में सावित्री फुले, ज्योतिबा फुले, शाहू महाराज, भाऊराव पाटिल और भीमराव आंबेडकर की मूर्तियां लगाई जानी चाहिए। पूर्व मंत्री ने कहा, “इन समाज सुधारकों के बजाय, देवी सरस्वती और शारदा की मूर्तियां विद्यालयों में लगाई जाती हैं।
हमने उन्हें नहीं देखा है और उन्होंने हमें कुछ भी नहीं सिखाया है। हम उनके सामने प्रार्थना क्यों करें?” शिंदे और फड़नवीस ने इस मामले में कड़ा रुख अख्तियार करते हुए कहा कि सरस्वती की मूर्तियां विद्यालयों से नहीं हटेंगी।
मुख्यमंत्री ने बुधवार को प्रमुख ओबीसी नेता भुजबल के गृह क्षेत्र नासिक में संवाददाताओं से कहा, “कोई भी मूर्ति नहीं हटाई जाएगी। कुछ लोग (भुजबल) जो चाहे महसूस कर सकते हैं। हम उनकी मर्जी के मुताबिक काम नहीं करेंगे। हम वही करेंगे जो आम लोग चाहते हैं।”
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि समाज सुधारकों की मूर्तियां भी विद्यालयों में लगाई जाएंगी, लेकिन सरस्वती की मूर्तियां नहीं हटाई जाएंगी। उन्होंने कहा, “सरस्वती ज्ञान की देवी है। जो लोग हमारी संस्कृति और हिंदूत्व को नहीं मानते वह इस तरह की टिप्पणियां करते हैं।” इस बीच नासिक में भुजबल के आवास के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।