महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक घोटालाः ईडी ने अटैच की उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की पत्नी की शुगर मिल, 65.75 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 2, 2021 02:06 PM2021-07-02T14:06:07+5:302021-07-02T14:07:18+5:30
Maharashtra State Cooperative Bank scam: प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि यह 65.75 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति है और यह 2010 में उसका क्रयमूल्य था।
Maharashtra State Cooperative Bank scam: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और उनकी पत्नी पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नकेल कस दिया है।
ईडी ने कहा कि कथित महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक (एमएससीबी) घोटाले के सिलसिले में धनशोधन रोधी कानून के तहत करीब 65 करोड़ रूपये मूल्य की एक चीनी मिल कुर्क की गयी है तथा उपमुख्यमंत्री अजीत पवार एवं उनकी पत्नी से जुड़ी एक कंपनी मामले में संलिप्त है।
ईडी ने कहा कि सतारा जिले में चिमनगांव-कोरेगांव में स्थित जरांदेश्वर सहकारी सुगर कारखाना (जरांदेश्वर एसएसके) की जमीन, भवन, ढांचे, संयंत्र और मशीनरी को कुर्क करने के लिए धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की संबंधित धाराओं के तहत अंतरिम आदेश जारी किया गया है। जांच एजेंसी ने कहा कि यह 65.75 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति है और यह 2010 में उसका क्रयमूल्य था।
ईडी ने कहा,‘‘ यह संपत्ति फिलहाल गुरु कमोडिटी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड (एक कथित नकली कंपनी) के नाम से है और जरांदेश्वर एसएसके को पट्टे पर दी गयी है। स्पार्कलिंग स्वाइल प्राइवेट लिमिटेड का जरांदेश्वर सुगर मिल्स में बहुअंशधारिता है और जांच में सामने आया है कि पिछली कंपनी का संबंध महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और उनकी पत्नी सुनेत्र अजीत पवार से जुड़ी एक कंपनी से है। ’’
2019 में दर्ज की गयी प्राथमिकी पर आधारित
यह पीएमएलए मामला मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा 2019 में दर्ज की गयी प्राथमिकी पर आधारित है। उस प्राथमिकी में आरोप लगाया गया था कि एसएसके को एमएससीबी के तत्कालीन अधिकारियों एवं निदेशकों ने गलत तरीके से अपने रिश्तेदारों को औने-पौने दाम पर बेच दिया और ऐसा करते समय एसएआरएफएईएसआई अधिनियम के तहत निर्धारित प्रक्रिया का पालन नहीं किया। ईओडब्ल्यू ने बंबई उच्च न्यायालय के निर्देश पर प्राथमिकी दर्ज की थी।
एमएससीबी के निदेशक मंडल में अहम और प्रभावी सदस्य
वित्तीय परिसंपत्तियों का प्रतिभूतिकरण एवं पुनर्गठन तथा प्रतिभूति हितों का प्रवर्तन कानून (एसएआरएफएईएसआई) के प्रावधानों के तहत बैंक अपना ऋण वसूलने के लिए अचल संपत्तियां बेच सकते हैं। ईडी ने कहा, ‘‘ अजीत पवार उस समय पर एमएससीबी के निदेशक मंडल में अहम और प्रभावी सदस्य थे।
एसएसके को गुरु कमोडिटी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड ने खरीदा जिसे तत्काल जरांदेश्वर सुगर मिल्स प्राइवेट लिमिटेड को पट्टे पर दे दिया गया और यह कंपनी ही फिलहाल जरांदेश्वर एसएसके को चला रही है।’’ केंद्रीय जांच एजेंसी ने कहा कि एसएसके को खरीदने में लगी रकम का ‘बड़ा हिस्सा‘ जरांदेश्वर सुगर मिल्स प्राइवेट लिमिटेड से आया और इस कंपनी के पास यह राशि स्पार्कलिंग स्वाइल प्राइवेट लिमिटेड से आयी थी। स्पार्कलिंग स्वाइल प्राइवेट लिमिटेड का संबंध अजीत पवार एवं उनकी पत्नी से है।