मुंबईः सत्तारूढ़ महायुति के घटक दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के बीच कई दिनों तक चली खींचतान के बाद दोनों दलों ने मुंबई और ठाणे सहित महाराष्ट्र में महानगर पालिकाओं का चुनाव गठबंधन के रूप में लड़ने का फैसला किया है। शिवसेना सूत्रों ने मंगलवार को यह दावा किया। सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री शिंदे ने सोमवार देर रात हुई बैठक में फैसला किया कि सत्तारूढ़ दल मौजूदा महायुति गठबंधन के सदस्य के रूप में ये चुनाव लड़ेंगे। महानगर पालिका चुनावों की तारीखों की घोषणा होनी अभी बाकी है।
उन्होंने बताया कि नागपुर में भाजपा नेता चंद्रशेखर बावनकुले और रवींद्र चव्हाण की उपस्थिति में हुई बैठक में इस बात पर भी सहमति बनी कि भाजपा और शिवसेना एक-दूसरे के नेताओं व कार्यकर्ताओं को अपने पाले में नहीं लाएंगी। नागपुर में राज्य विधानमंडल का शीतकालीन सत्र जारी है।
शिवसेना के एक नेता ने कहा, “दोनों दलों के नेताओं के बीच मुंबई और ठाणे सहित पूरे महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन के रूप में मिलकर नगरपालिका चुनाव लड़ने को लेकर सकारात्मक चर्चा हुई।” एक अन्य नेता ने बताया कि अगले दो-तीन दिनों में स्थानीय स्तर पर सीट बंटवारे को लेकर चर्चा शुरू हो जाएगी।
शिंदे ने सोमवार को एक अलग बैठक में अपनी पार्टी के विधायकों और मंत्रियों से कहा कि महायुति महानगर पालिका और जिला परिषद चुनावों में एकजुट होकर लड़ेगी। सूत्रों के अनुसार, उन्होंने विधायकों व मंत्रियों को ‘गठबंधन धर्म’ का पालन करने और ऐसा कोई भी बयान देने या ऐसा कुछ भी करने से बचने की सलाह दी।
जिससे भाजपा, शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के महायुति गठबंधन में टकराव पैदा हो। स्थानीय निकाय चुनावों के पहले चरण में कई जगहों पर महायुति के सहयोगी एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे थे। कुछ जगहों पर प्रचार अभियान टकराव की स्थिति में तब्दील हो गया, जिससे शिंदे को भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के समक्ष यह मुद्दा उठाना पड़ा।