महाराष्ट्र: नासिक के किसान ने PMO को लिखी चिट्ठी, प्याज की गुणवत्ता पर सरकारी रिपोर्ट को बताया ‘गलत’
By भाषा | Published: December 18, 2018 12:57 PM2018-12-18T12:57:25+5:302018-12-18T12:58:39+5:30
नासिक जिले के निपहद तहसील के संजय साठे ने सोमवार को प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर कहा कि अधिकारियों ने प्याज की उसकी पैदावार के बारे में बिना कोई जांच किए रिपोर्ट तैयार की और उसे खराब बताया।
प्याज की बिक्री के बदले में मिली बेहद मामूली कीमत दर्शाने के लिए अपनी कमाई प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को भेजने वाले नासिक के किसान ने आरोप लगाया है कि जिला अधिकारियों ने गलत तरीके से उसकी उपज को ‘‘खराब गुणवत्ता” वाला बताया।
नासिक जिले के निपहद तहसील के संजय साठे ने सोमवार को प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर कहा कि अधिकारियों ने प्याज की उसकी पैदावार के बारे में बिना कोई जांच किए रिपोर्ट तैयार की और उसे खराब बताया।
साठे ने इससे पहले खुदरा बाजार में बेची गई प्याज से मिले 1,064 रुपये को विरोध स्वरूप 29 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेज दिया था।
हालांकि जिला उपरजिस्ट्रार के कार्यालय द्वारा महाराष्ट्र सरकार को बाद में सौंपी गई एक रिपोर्ट में कहा गया कि किसान की प्याज “मध्यम से खराब गुणवत्ता” की थी और उनका रंग “काला” था।
दावे को खारिज करते हुए साठे ने अपने पत्र में कहा, “मैंने 750 किलो प्याज बेची थी और 1,064 रुपये कमाए थे। लेकिन बिना किसी जांच के सरकारी अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि मेरी प्याज का रंग काला था और वे खराब गुणवत्ता की थीं। यह गलत है और अधिकारी आपको भ्रमित कर रहे हैं।”
भारत डाक के स्थानीय डाकघर से भेजे गए इस पत्र में किसान ने कहा, “मुझे उम्मीद है कि आप इस बात को समझेंगे कि अगर अधिकारी आपसे झूठ बोल सकते हैं तो एक आदमी को सरकारी कार्यालयों में किन चीजों का सामना करना पड़ता होगा।”
साठे ने दावा किया कि प्याज की खेती करने वाला लगभग हर किसान कम कीमत मिलने और राज्य की “उदासीनता” का सामना कर रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री से इसका समाधान निकालने का आग्रह किया।