एचडी देवगौड़ा की कांग्रेस को सलाह, अगर समर्थन दें तो शिवसेना को पांच साल तक न करें परेशान, BJP को उद्धव ने सिखाया है सबक
By रामदीप मिश्रा | Published: November 11, 2019 04:13 PM2019-11-11T16:13:28+5:302019-11-11T16:15:11+5:30
महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों पर हुए चुनावों में 105 सीटें जीतते हुए बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। राज्य के चुनाव में शिवसेना को 56 सीटें मिलीं। इसके अलावा राकांपा को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिलीं।
महाराष्ट्र में सरकार के गठन को लेकर शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) एक साथ आ गए हैं, हालांकि अभी काग्रेस से हरी झंडी दिखाई जानी बाकी है। यहां से रास्ता क्लियर होने के बाद सूबे की नई सरकार का गठन होगा। इस बीच जनता दल (सेकुलर) यानि जेडीएस के और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने कांग्रेस को एक सलाह दी है।
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व पीएम एचडी देवगौड़ा ने कहा है कि अगर कांग्रेस शिवसेना को समर्थन देती है तो उसे 5 साल तक बिल्कुल परेशान नहीं होना चाहिए। तभी लोग कांग्रेस पर भरोसा करेंगे।
आगे उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर हमला बोलते हुए कहा कि बालासाहेब ने महाराष्ट्र में बीजेपी को जगह दी है। आडवाणी और वाजपेयी बाला साहेब के आवास पर गए और उनसे सीटों के लिए अनुरोध किया था। बीजेपी ने उसे उलट दिया है, इसीलिए उद्धव ठाकरे ने बीजेपी को सबक सिखाने के लिए ये फैसला लिया है। अब कांग्रेस और एनसीपी को बीजेपी को हटा देना चाहिए।
HD Deve Gowda: Balasaheb gave place to BJP in Maharashtra, Advani&Vajpayee went to Bala Saheb's residence & requested him for seats. BJP overrode that, that's why Uddhav Thackeray has taken a stand that he will teach them a lesson. Now, it's for Congress&NCP to put down BJP. https://t.co/jxkXDli1Q2
— ANI (@ANI) November 11, 2019
आपको बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों पर हुए चुनावों में 105 सीटें जीतते हुए बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। राज्य के चुनाव में शिवसेना को 56 सीटें मिलीं। इसके अलावा राकांपा को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिलीं। प्रदेश की 288 सदस्यीय विधानसभा में सरकार बनाने के लिये 145 विधायकों का समर्थन जरूरी है।
मुख्यमंत्री पद को लेकर बीजेपी और शिवसेना के बीच खींचतान खत्म हो चुकी है। दोनों पार्टियों ने गठबंधन कर एकसाथ चुनाव लड़ा और एनडीए को बहुमत भी प्राप्त हुआ, लेकिन शिवसेना मुख्यमंत्री पद के लिए 50:50 का फार्मूला चाहती थी, लेकिन बीजेपी इस पर तैयार नहीं हुई।