महाराष्ट्र, गुजरात, यूपी जेलों में CCTV कैमरा लगाने के मामले में अव्वल, मिजोरम में एक भी नहीं
By हरीश गुप्ता | Published: March 1, 2021 08:47 AM2021-03-01T08:47:39+5:302021-03-01T09:49:03+5:30
लोकसभा में दी गई जानकारी के अनुसार जेलों में सीसीटीवी लगाने के काम में और विस्तार हो रहा है। यूपी में सबसे अधिक 2757 सीसीटीवी कैमरे जेलों में लगे हैं।
नई दिल्ली: जेलों में निगरानी के लिए क्लोज्ड सर्किट टेलीविजन (सीसीटीवी) कैमरे लगाने के मामले में गुजरात, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश सबसे आगे हैं. जेलों में सीसीटीवी कैमरों की स्थापना, जेल में होने वाले अपराधों पर अंकुश लगाने और अनुशासन बनाए रखने के उद्देश्य से निगरानी मैनुअल का हिस्सा है.
लोकसभा में दी गई जानकारी के अनुसार, देश के विभिन्न राज्यों की 808 जेलों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधा स्थापित की गई है. इस सुविधा का और विस्तार किया जाएगा क्योंकि यह आपराधिक न्याय प्रणाली पर प्रशासनिक बोझ को कम करने में काफी सहायक है. अपने यहां की जेलों में 2757 सीसीटीवी कैमरों की स्थापना कर उत्तर प्रदेश देश के सभी राज्यों में शीर्ष पर है.
गुजरात (2314), महाराष्ट्र (1580), राजस्थान (1529) और ओडिशा (1520) का नाम इस सूची में उसके बाद है. गोवा (17), सिक्किम (2) और पुदुचेरी (8)की जेलों में सबसे कम सीसीटीवी कैमरे हैं, जबकि मिजोरम और लक्षद्वीप में कोई कैमरा नहीं लगा है.
सदन को दी गई जानकारी के अनुसार देश की जेलों में 22456 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. देश में दिसंबर 2019 तक जेलों की कुल संख्या 1350 थी और इनमे 4 लाख से अधिक कैदी हैं. गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने बताया कि जेलें, राज्य का विषय है और इसलिए यह राज्यों पर निर्भर है कि वह ,व्यवस्था को आधुनिक बनाने के लिए कदम उठाएं.
जेलों का प्रबंधन, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और सीसीटीवी निगरानी प्रणाली आदि से संबंधित उपकरणों की स्थापना, रखरखाव और रखरखाव सहित संबंधित राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है. आवश्यकता के अनुसार इन उपकरणों का रखरखाव करने , समय-समय पर अद्यतन करने के लिए राज्य सक्षम हैं. राज्यों ने दिसंबर 2019 तक के इन विवरणों को राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो में प्रस्तुत किया है.