मराठी फिल्मों की स्क्रिनिंग नहीं करने पर थियेटर मालिकों पर लगेगा 10 लाख रुपये का जुर्माना, महाराष्ट्र सरकार का नया फैसला

By विनीत कुमार | Published: May 18, 2023 02:28 PM2023-05-18T14:28:28+5:302023-05-18T14:34:19+5:30

महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में सभी थियेटर मालिकों के लिए एक साल में कम से कम चार हफ्ते मराठी फिल्में दिखाना अनिवार्य कर दिया है। इसका पालन नहीं करने पर 10 लाख का जुर्माना लगाया जा सकता है।

Maharashtra govt's decision Rs 10 lakh fine to imposed if theatre owners do not screen Marathi movies | मराठी फिल्मों की स्क्रिनिंग नहीं करने पर थियेटर मालिकों पर लगेगा 10 लाख रुपये का जुर्माना, महाराष्ट्र सरकार का नया फैसला

मराठी फिल्म नहीं दिखाने पर थियेटर मालिकों पर लगेगा 10 लाख रुपये का जुर्माना (फाइल फोटो)

मुंबई: मराठी फिल्म उद्योग को और बढ़ावा देने के मकसद ने महाराष्ट्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के थियेटर मालिकों के लिए निर्देश जारी करते हुए कहा कि अगर वे मराठी फिल्मों के लिए जगह नहीं देते हैं तो उन पर 10 लाख रुपये जुर्माना लगाया जा सकता है।

महाराष्ट्र सरकार ने कहा है कि सिनेमा हॉल और सिनेमा हॉल मालिकों को लाइसेंस नवीनीकरण के समय 10 लाख रुपये का जुर्माना देना होगा, अगर वे मराठी फिल्में नहीं दिखाते हैं। निर्देशों के अनुसार महाराष्ट्र के सिनेमा मालिकों के लिए साल में कम से कम चार हफ्ते मराठी फिल्में दिखाना अनिवार्य होगा।

टाइम्स नाउ की रिपोर्ट के अनुसार यह घोषणा मराठी फिल्मों के लिए सिनेमा हॉल और प्राइम टाइम उपलब्ध कराने के संबंध में राज्य के संस्कृति मंत्री सुधीर मुनगंटीवार की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद की गई। मुनगंटीवार ने कहा, 'इस संबंध में गृह विभाग को सूचित करने का निर्णय लिया गया है। सिंगल-स्क्रीन सिनेमाघरों में किराया नहीं बढ़ाने का भी निर्णय लिया गया...मराठी फिल्मों को बढ़ावा देने के बारे में विस्तृत चर्चा हुई। निर्देशक, निर्माता, वितरक और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।'

यह निर्णय राज्य के कुछ निर्माताओं की लगातार शिकायतों के मद्देनजर लिया गया है, जो दावा करते हैं कि अच्छी गुणवत्ता वाली क्षेत्रीय फिल्में बनाने के बावजूद उनके अपने राज्य में इन मराठी फिल्मों की स्क्रीनिंग नहीं हो रही है। अधिकारियों ने कहा कि पिछले कुछ हफ्तों से इस संबंध में कई शिकायतें आ रही हैं और इसलिए स्थिति का संज्ञान लेते हुए संस्कृति विभाग ने यह निर्णय लिया है।

इसके अलावा, 'द केरल स्टोरी' को लेकर चर्चा के बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के विधायक जितेंद्र आव्हाड ने हाल ही में ठाणे में हाल ही में रिलीज हुई मराठी फिल्म 'महाराष्ट्र शाहीर' की एक विशेष स्क्रीनिंग का आयोजन किया।

इसी तरह जनवरी में, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के नेता अमेय खोपकर ने मल्टीप्लेक्स मालिकों को शाहरुख खान की 'पठान' की रिलीज के कारण मराठी फिल्मों की स्क्रीनिंग को रोकने के खिलाफ चेतावनी दी थी और कहा कि राज्य में पहली प्राथमिकता ऐसी फिल्में होंगी जो यहां मराठी भाषा में बनेंगी। 

Web Title: Maharashtra govt's decision Rs 10 lakh fine to imposed if theatre owners do not screen Marathi movies

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